लेखिका- दीप्ति गुप्ता

पनीर और इससे बने सभी व्यंजन लोगों को पसंद होते हैं. यह न केवल प्रोटीन और कैल्शियम बल्कि शरीर में विटामिन -डी की कमी को भी पूरा करता है. पनीर में शॉट चेन फैट के रूप में फैटी एसिड होते हैं, जो आसानी से पच जाते हैं. इससे फैट शरीर में बहुत जल्दी जमा नहीं होता और शरीर को ऊर्जा देने के लिए टुकड़ों में टूट जाता है, जिससे वजन नहीं बढ़ पाता. बहुत कम लोग जानते हैं लेकिन पनीर के नियमित सेवन से ब्रोंकाइटिस और अस्थमा जैसी बीमारियों को बेहतर तरीके से नियंत्रित करने में मदद मिलती है. यह शरीर में हीमोग्लोबिन के उत्पादन को उत्तेजित करने में मदद करता है और शरीर में बेहतर इम्यून सिस्टम को बढ़ावा देता है. पनीर में मौजूद विटामिन बी न केवल बढ़ते बच्चों के विकास में मददगार है, बल्कि एकाग्रता और यादाश्त में सुधार करके मास्तिष्क के स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है. वहीं पनीर महिलाओं में ऑस्टियोपोरोरिस को रोकने में मददगार है. चूंकि पनीर के इतने सारे स्वास्थ्य लाभ  हैं, इसलिए सभी अलग-अलग आयु वर्ग के लोगों को इसे अपने आहार में शामिल करना चाहिए. तो आइए जानते हैं उम्र के अनुसार इसे अपने आहार में कैसे शामिल किया जा सकता है.

6 महीने से अधिक उम्र के बच्चों के लिए-

पनीर एक पौष्टिक शिशु आहार है. आप बेबी फूड जैसे गाजर की प्यूरी, सेब की प्यूरी आदि में थोड़ा सा पनीर का पेस्ट मिलाकर बच्चे को दे सकते हैं. ध्यान रखें बच्चे को इसे बहुत कम मात्रा में दिया जाना चाहिए.

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बढ़ते बच्चों के लिए –

बढ़ते हुए बच्चों को अपने दैनिक आहार में कार्बोहाइड्रेट के साथ पोषक तत्वों से भरपूर आहार की जरूरत होती है. ऐसे में अपने बढ़ते बच्चों के लिए पनीर के भरवां पराठे बना सकते हैं. बच्चों के लिए दिन की शुरूआत करने का यह एक हाई कार्ब नाश्ता है. आप चाहें, तो तले हुए पनीर के टुकड़ों और सब्जियों के साथ गेहूं की ब्रेड की सैंडविच बनाकर उन्हें खिला सकते हैं. पनीर टिक्का और पनीर रोल जैसे स्टाटर्स भी बच्चों को पौष्टिक भोजन देने का एक बेहतरीन विकल्प है.

वयस्कों के लिए –

दिल की बीमारियों को दूर करने के साथ ब्लड प्रेशर कम करने और हड्डियों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के बाद यह स्पष्ट हो जाता है कि पनीर हर वयस्क के आहार का हिस्सा होना चाहिए. विशेषज्ञ कहते हैं कि वयस्क को अपने भोजन के विकल्प चुनते समय पनीर के साथ बहुत सारी सब्जियां शामिल करनी चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि वयस्कों में चयापचय दर बच्चों की तुलना में बहुत कम होती है. ऐसे में पनीर के साथ सब्जियों को शामिल करने से भोजन को पचाना बेहद आसान हो जाता है. आप सब्जी, पुलाव, हरे पत्तेदार सलाद में पनीर का इस्तेमाल कर सकते हैं.

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बुजुर्गों के लिए –

पनीर को पचाना बेहद आसान होता है. चूंकि बेहतर पाचन के लिए मैग्नीशियम और फास्फोरस दोनों की जरूरत  होती है, इसलिए पनीर बुजुर्गों के लिए सबसे अच्छा पौष्टिक भोजन है. हालांकि, इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि इस उम्र में आंत के स्वास्थ्य से समझौता करने के कारण इसका कैसे और कितना सेवन करना है. विशेषज्ञों की सलाह है कि बुजुर्ग लोगों के लिए पनीर को बहुत कम तेल और मसालों के साथ हल्के तरीके से पकाना चाहिए. हो सके, तो पनीर के साथ दही न दें. ध्यान रखें बुजुर्गों को ज्यादा से ज्यादा घर का बना पनीर देना फायदेमंद साबित होता है.

पनीर हर आयु वर्ग के लिए बहुत फायदेमंद है. इसलिए हर किसी को नियमित रूप से इसे अपने आहार में शामिल करना चाहिए.

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