एक नए शोध के अनुसार किसी महिला का फिगर उसकी याददाश्त को प्रभावित कर सकता है. अमरीका में शोधकर्ताओं ने पाया कि बूढ़ी महिलाओं का वजन अधिक हो तो उनकी याददाश्त कमजोर होती है लेकिन अगर नितंबों का वजन अधिक तो यह याददाश्त को बहुत अधिक प्रभावित करता है.
विशेषज्ञों का मानना है कि कमर के आसपास वजन बढ़ने से कैंसर, डायबिटीज और दिल की बीमारियों के बढ़ने का खतरा रहता है. यह शोध जर्नल औफ द अमेरिकन गेरियाट्रिक्स सोसायटी में छपा है जिसमें अच्छे दिमाग के लिए सही वजन होने की महत्ता बताई गई है.
हालांकि शोध में यह भी कहा गया है कि अगर नितंबों का वजन बहुत अधिक न हो यानी थोड़ा सा ही अधिक हो तो इससे दिमाग की सुरक्षा भी होती है. शोधकर्ता मानते हैं कि महिलाओं में पेट के आसपास जमा होने वाली वसा ओस्ट्रोज़न हार्मोन बनाती है जिसका बनना मेनोपौज के बाद कम हो जाता है. ओस्ट्रेजन हार्मोन दिमाग के लिए मददगार होती है. यह शोध 65 से 79 साल की 8,745 महिलाओं पर किया गया. इन महिलाओं की याददाश्त की परीक्षा ली गई. इनमें से अधिकतर महिलाओं का वजन अधिक था और उनके बौडी मास इंडेक्स का भी माप लिया गया.
शोधकर्ताओं ने पाया कि जैसे जैसे बौडी मास इंडेक्स बढ़ता है वैसे वैसे उनकी याददाश्त कम होती जाती है. इस शोध में उन महिलाओं की याददाश्त सबसे ख़राब पाई गई जिनकी कमर छोटी और नितंब बड़े पाए गए. शोधकर्ताओं के प्रमुख डा. डायना करविन का कहना था, ''हमें ये देखना होगा कि कौन सी वसा दिमाग को किस तरह प्रभावित करती है."