एनीमिया यानी खून में लाल रक्त कोशिकाओं या हीमोग्लोबिन की मात्रा का कम हो जाना. इस से ग्रस्त व्यक्ति के दिल को बौडी के सभी अंगों तक पर्याप्त औक्सीजन पहुंचाने के लिए ज्यादाकाम करना पड़ता है. एनीमिया अपने आप में कोई बीमारी नहीं है, किंतु यह बौडी में होने वाली किसी खराबी का परिणाम है. महिलाएं इस समस्या का सब से आसान शिकार हैं, खास कर गर्भवती महिलाएं. सभी प्रकार के एनीमिया में थकान, सिर में दर्द, छाती में दर्द, ऊर्जा की कमी, त्वचा का पीला पड़ना, सिर में भारीपन, सांस फूलना जैसे लक्षण पाए जाते हैं.
एनीमिया के अन्य लक्षण
फौलिक ऐसिड की कमी से होने वाला एनीमिया: डायरिया, चिड़चिड़ापन.
अप्लास्टिक एनीमिया: बारबार संक्रमण, बुखार और त्वचा पर रैशेज.
हीमोलिटिक एनीमिया: यूरिन का रंग गहरा होना, बुखार, पीलिया और पेट में दर्द.
सिकल सैल एनीमिया: पीलिया, थकान, हाथपैरों में सूजन और दर्द.
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क्या है एनीमिया का कारण
बौडी में लाल रक्त कोशिकाओं का होना बहुत जरूरी है. इन में मौजूद हीमोग्लोबिन एक प्रकार का जटिल प्रोटीन है, जिस में आयरन भी पाया जाता है. हीमोग्लोबिन फेफड़ों से औक्सीजन ले कर पूरे बौडी तक पहुंचाता है.
कुछ स्थितियों या बीमारियों के कारण बौडी में लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या कम हो जाती है. लाल रक्त कोशिकाओं या हीमोग्लोबिन की कमी से बौडी के अंगों को स्थायी नुकसान पहुंच सकता है.
किन लोगों में एनीमिया की संभावना अधिक
एनीमिया किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है. यह पुरुषों एवं महिलाओं किसी को भी प्रभावित कर सकता है. हालांकि इन लोगों में इस की संभावना अधिक होती है :
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