Pregnancy  : 1 माह की गर्भवती स्वरा जब अपनी गाइनोकोलौजिस्ट से मंथली चैकअप कराने गई तो प्राइमरी चैकअप करने के बाद डाक्टर ने कहा,”स्वरा, इट इज योर फर्स्ट प्रैगनैंसी, इसलिए मैं तुम्हें वार्न करना चाहूंगी कि जितना हो सके मोबाइल का यूज कम से कम करने की कोशिश करो ताकि तुम खुद को और बच्चे को हैल्दी रख सको.”

दिनभर मोबाइल में स्क्रौलिंग करने वाली स्वरा यह सुन कर थोड़ी परेशान तो हुई पर अपने बच्चे के लिए उस ने डाक्टर की सलाह के अनुसार ही मोबाइल को यूज करना सुनिश्चित किया.

सोशल मीडिया के इस युग में जहां आम लोगों को ही मोबाइल का कम से कम प्रयोग करने की सलाह दी जाती है वहीं गर्भवती महिलाओं के लिए यह सलाह और भी अधिक महत्त्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि गर्भवती महिलाएं अपने साथसाथ शिशु को भी अपने गर्भ में पाल रही होती हैं.

मोबाइल का अधिक उपयोग नींद और सेहत दोनों पर ही नकारात्मक प्रभाव डालता है. इसलिए डाक्टर्स आज गर्भवती महिलाओं को केवल बहुत जरूरी होने पर ही मोबाइल प्रयोग करने की सलाह देते हैं. मोबाइल, लैपटॉप और टैब से निकलने वाली इलैक्ट्रोमैग्नेटिक तरंगें गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य और विकास को प्रभावित करती हैं. यदि आप भी प्रैगनैंट हैं तो मोबाइल प्रयोग करते समय निम्न बातों का ध्यान रखें :

● डाक्टरों के अनुसार मोबाइल स्क्रीन का अधिक देर तक प्रयोग करने से उस से निकलने वाली इलैक्ट्रोमैग्नेटिक रेज के प्रभाव से जन्म के बाद बच्चे में अटेंशन डेफिसिट हाइपर ऐक्टिविटी डिसऔर्डर(एडीएचडी) या हाइपर ऐक्टिविटी जैसी समस्यायों के होने का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए फोन का प्रयोग पूरे दिन में 1 घंटे से अधिक न करें.

● आजकल अधिकांश महिलाएं बाथरूम में भी अपने साथ मोबाइल ले कर जाती हैं पर बाथरूम में अनेक बैक्टीरिया होते हैं जो आप के फोन में चिपक कर आप के और बच्चे के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं. इस के अतिरिक्त मोबाइल पर बात करते समय ध्यान भटकने से आप का पैर भी फिसल सकता है.

● आज के इस युग में फोन से दूरी बनाना तो असंभव ही है. इसलिए फोन का प्रयोग सीमित करने के साथसाथ फोन का प्रयोग करते समय उसे पेट से दूर रखें ताकि फोन से निकलने वाली हानिकारक तरंगें बच्चे के शारीरिक विकास को प्रभावित न कर पाएं.

● भोजन करते समय भी मोबाइल का प्रयोग करने से बचें क्योंकि इस स्थिति में आप का ध्यान भटकेगा और शरीर को सही और समुचित मात्रा में पोषण नहीं मिल पाएगा.

● यदि आप वर्किंग हैं तो फोन को हमेशा बैग में ही डाल कर रखें। साथ ही घर आने के बाद मोबाइल प्रयोग बिलकुल भी न करें क्योंकि आप का स्क्रीन टाइम औफिस में औलरेडी बहुत अधिक हो जाता है.

● बात करते समय स्पीकर औन कर के बात करने का प्रयास करें। यदि आप ईयरफोन लगा कर बात कर रहीं हैं तो भी ईयरफोन को कुरते की जेब में डालने की बजाय हाथ में पकड़ें ताकि यह पेट से दूर रहे.

● सोने से 1 घंटे पहले फोन का प्रयोग बंद कर दें ताकि आप की ब्रेन ऐक्टिविटी प्रभावित न हो और आप रात में अच्छी नींद सो सकें.

● इस दौरान आप मोबाइल, टैब और लैपटौप की अपेक्षा टीवी का प्रयोग करें क्योंकि टीवी आप एक निश्चित दूरी से देखती हैं जिस से रैडिएशन होने का खतरा नहीं होता.

● आजकल अधिकांश महिलाएं इंस्टाग्राम, यूट्यूब और व्हाट्सऐप पर स्क्रोलिंग करती रहती हैं जो कई बार निगेटिविटी उत्पन्न कर देता है. बिना वजह स्क्रौलिंग करने के स्थान पर आप पत्रपत्रिकाओं को पढ़ने को तरजीह दें जिस से आप के साथसाथ बच्चे का भी मानसिक विकास ठीक रह सके.

● गर्भावस्था के शुरुआत में ही आप अपनी डाक्टर से मिल कर इस अवस्था में मोबाइल को कितना और कैसे प्रयोग करना है, इस की जानकारी अवश्य ले लें.

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