जन्म के बाद पहले साल में बच्चों को विशेष देखभाल की जरूरत होती है क्योंकि उनकी स्किन काफी डेलिकेट और नरम होती है. बच्चे की स्किन और चेहरे की देखभाल करने का मतलब केवल चेहरे की स्किन से नहीं बल्कि पूरे शरीर की स्किन से है. जरा सी भी असावधानी से बच्चे की स्किन में बहुत प्रकार के इंफेक्शन हो सकते हैं. ऐसे में बच्चे के नहाने के साबुन से लेकर, उसे पहनाये जाने वाले कपड़ों ,उसके लोशन व पाउडर और मालिश के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले तेल तक का ध्यान रखना चाहिए. इन सब को चुनते और इस्तेमाल करते समय आपको खास सावधानी बरतनी चाहिए.
1. मौइश्चराइजर का प्रयोग
बच्चों के लिए हमेशा बेबी सॉप का प्रयोग करना चाहिए क्योंकि बेबी शॉप हार्ड नहीं होता और बच्चों की स्किन को नमी भी प्रदान करता है. बच्चों के लिए ऐसी कॉस्मेटिक क्रीम का प्रयोग भी न करें जिससे बच्चे की स्किन में इंफेक्शन हो. मौसम के अनुसार नहाने से पहले तेल मालिश करने से उनकी बच्चे की स्किन नर्म और साफ रहती है. बेहतर रहेगा यदि हम चिकित्सक की सलाह पर बच्चे की स्किन की नमी बरकरार रखने के लिए हल्का मॉइश्चराइजर का प्रयोग करें . सबसे ज्यादा ध्यान बच्चे की स्किन पर होने वाली रैशेज और इंफेक्शन का रखें.
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2. साबुन का प्रयोग
बच्चे के जन्म के 10 दिन बाद , उसे हल्के गरम पानी से नहला सकते हैं. जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है वह फर्श पर घुटनों के बल चलने की कोशिश करने लगता है जिस वजह से उसके हाथ की हथेलियों और घुटने से नीचे के पैर अक्सर गंदे हो जाते हैं ऐसे में स्किन संक्रमण का डर रहता है. स्किन संक्रमण से बचाने के लिए बच्चे की नहाने से पहले किसी हल के तेल से मालिश और उसके बाद बेबी सोप व गुनगुने पानी में नहलाना ,बच्चे की स्किन को फायदा पहुंचाता है. मॉश्चराइजर युक्त माइल्ड सोप का ही इस्तेमाल करें.
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