नवजात के लिए मां के दूध से ज्यादा सेहतमंद और पोषक कुछ भी नहीं. फिर भी आजकल की अधिकतर मांओं को बच्चे को फीड कराना मुश्किल काम लगता है. मां के दूध से बच्चे की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. यह दूध बच्चे के लिए अमृत समान होता है.

स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञा, डा. बंदिता सिन्हा कहती हैं कि ब्रैस्ट फीडिंग को ले कर आज भी शहरी महिलाओं में जागरूकता कम है, जबकि ब्रैस्ट फीडिंग करवाने से ब्रैस्ट कैंसर की संभावना भी कम हो जाती है. जिन महिलाओं ने कभी ब्रैस्ट फीडिंग नहीं कराई होती है, उन में ब्रैस्ट कैंसर का रिस्क बढ़ जाता है.

बचाए ब्रैस्ट कैंसर से

हाल ही में हुए कुछ शोधों में पाया गया कि जिन महिलाओं को ब्रैस्ट कैंसर मेनोपौज के बाद हुआ है, उन्होंने कभी ब्रैस्ट फीडिंग नहीं कराई थी. जिन महिलाओं ने 30 की उम्र के आसपास स्तनपान करवाया है उन में ब्रैस्ट कैंसर होने की संभावना कम होती है.

इसलिए मां बन चुकी हर महिला को स्तनपान करवाना जरूरी है और उसे यह समझ लेना चाहिए कि इस से बच्चा तंदुरुस्त होता है और साथसाथ मां का स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है.

आइए, जानते हैं स्तनपान करवाने के अन्य फायदों के बारे में:

- डिलिवरी के बाद जब नवजात को मां की गोद में दिया जाता है तो उस की अपनी मां से बौंडिंग बनाने की शुरुआत फीडिंग से ही होती है. मां भी यहीं से अपने बच्चे से जुड़ाव महसूस करना शुरू करती है.

- मां के दूध में पाया जाने वाला प्रोटीन और एमिनो ऐसिड बच्चे की ग्रोथ के लिए अच्छा होता है. यह बच्चे को कुपोषण का शिकार होने से बचाता है.

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