रोगाणु कई माध्यमों के जरिये से फैल सकते हैं. उनमें से एक अपके हाथ भी हो सकते हैं. आप दिनभर में कई प्रकार की चोजों को छूते हैं. साथ ही भारतीय होने के नाते हम में से कई लोग भोजन भी हाथ से ही करते हैं. इन्हीं हाथों से हम अपने मुंह को भी छूते हैं. इसलिये यह भी संक्रमण के लिए सबसे आसान तरीका बन जाता है,
एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने का. यदि आप संक्रमण को रोकना चाहते हैं तो यहां पर कुछ सामान्य हाथ धोने के नियम दिये जा रहे हैं, जिन्हें आप अपना सकते हैं.
- हाथों को कब धोएं: हाथों को स्वच्छ रखना बहुत ही महत्वपूर्ण है. लेकिन पहला सवाल यह उठता है कि वह कौन सा समय है कि आप हाथ धोने के लिए कौन सा समय चुने जिससे कि रोगाणु का खतरा ना हो. सबसे पहले तो आपको हाथ धोने की आदत बना लेनी चाहिये.
आपको यह नहीं भूलना चाहिए कि भोजन के पहले और भोजन के बाद अपने हाथों को धोना है. साथ ही भोजन पकाने से पहले और सर्व करने से पहले इस नियम को अनिवार्य कर लें. इसी प्रकार से कुछ अन्य शर्तों के अनुसार भी आपको हाथ धोना चाहिये,जैसे किसी चोट को छूने के पहले और बाद में, जानवरों को छूने के बाद, नाक और मुंह पोछने के बाद, कूडा़ छूने के बाद, वॉश रूम जाने के बाद, दवाई खाने के पहले, सफाई करने के बाद आदि. इन स्थितियों में हाथ धोना बहुत ही जरुरी है. इससे आप कीटाणुओं से सुरक्षित रहेंगे.
- किस प्रकार हाथ धोएं: केवल हाथ धोना ही काफी नहीं होता. आपको अपने हाथों को ठीक प्रकार से धोना चाहिये. हमेशा कोशिश करें कि अपने हाथों को नल के चलते हुए पानी से धोएं ना कि बाल्टी में रखें हुए पानी से. हाथ धोते समय साबुन का प्रयोग जरुर करें. हाथ धोते समय हाथों को रगड़-रगड़ कर 20-25 मिनट तक जरुर धोना चाहिये. जब हाथ धुल जाएं तब उन्हें तौलिये से पोछें.
हम हर जगह पर साबुन ले कर नहीं जा सकते हैं, इसलिये इस स्थति में हैंड सैनिटाइजर रखें. यह उपयोग करने में आसान होता है, जिसको प्रयोग करने के लिये आपको पानी की कोई आवश्यकता नही होग. लेकिन सैनटाइजर खरीदने से पहले इस चीज को ध्यान में रखें कि उसमें 60% अल्कोहल मिला हुआ हो. इसके अलावा आप एंटीबैक्टीरियल वाइप का भी इस्तमाल कर सकते हैं क्योंकि ये भी एक प्रकार से बहुत प्रभावी होते हैं.