नवजात का शरीर इंफैक्शंस से लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार नहीं होता. इस दौरान स्तनपान कराने वाली मांओं को अपनी और शिशु की साफसफाई का खास ध्यान रखना चाएि. यदि मांएं ब्रैस्ट की सफाई का सही ध्यान न रखें तो शिशु को पोषक ब्रैस्ट मिल्क के साथसाथ संक्रमण पैदा करने वाले बैक्टीरिया भी मिल सकते हैं. जानिए, स्तनपान कराने वाली मांओं के लिए कुछ खास टिप्स:

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हैंड वाश

स्तनपान करने वाली मांओं के लिए तो ऐसा करना बेहद जरूरी है. दिन भर के काम निबटाते समय हाथ में बैक्टीरिया का रहना आम बात है.

ऐसे में उंगलियों व हथेलियों के गंदे व संक्रमित होने की संभावना अधिक रहती है. वैसे भी संक्रमित करने वाले जीवाणु व विषाणु इतने छोटे होते हैं कि दिखाई नहीं देते हैं और नवजात को दूध पिलाने के दौरान स्थानांतरित हो जाते हैं. इस से शिशु कई बीमारियों से ग्रस्त हो जाता है. इसलिए शिशु में बीमारियों को फैलने से रोकने के लिए मां का अपने हाथों को उचित तरीके से धोना बेहद आवश्यक है.

ब्रैस्ट क्लीनिंग

स्तनों व निपलों को साफ रखना भी जरूरी है, क्योंकि कपड़ों की वजह से निपलों पर पसीना जमने से वहां कीटाणु पनपते हैं, जो ब्रैस्ट फीडिंग के दौरान शिशु के पेट में पहुंच जाते हैं और फिर उसे नुकसान पहुंचाते हैं. इसलिए ध्यान रहे कि शिशु को स्तनपान कराने से पहले अपने स्तनों व निपलों को कुनकुने पानी में रुई या साफ कपड़ा भिगो कर उस से अच्छी तरह पोंछें. निपल की सूजन को कम करने के लिए आप दूध की 4-5 बूंदें निपल पर लगा कर सूखने दें. कई बार नवजात बच्चा दूध पीते वक्त दांतों से काट लेता है, जिस से जख्म बन जाता है और फिर दर्द होता है. इस दर्द को कम करने में भी मां का अपना दूध काफी मददगार साबित होता है.

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