देश की महिलाओं में पिछले कुछ वर्षों में कार्विकल कैंसर की शिकायत तेजी से बढ़ी है. पर हाल ही में एक स्टडी में जो बातें सामने आई हैं वो देश की महिलाओं के लिए राहत लाई है. लैसेंट के एक अध्ययन में ये स्पष्ट हुआ कि अगले 60 वर्षों में भारत कार्विकल कैंसर से मुक्त हो जाएगा.
अध्ययन में कहा गया कि भारत ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) टीकाकरण और गर्भाशय ग्रीवा की जांच को अधिक सुगम बनाकर 2079 तक गर्भाशय ग्रीवा कैंसर की समस्या से निजात पा लेगा. इसके अलावा अध्ययन में ये बात भी सामने आई कि अगर भारत 2020 तक इसके रोकथाम के प्रयासों में तेजी रखता है तो आने वाले 50 वर्षों में असके करीब एक करोड़ से अधिक मामलों को रोका जाना संभव होगा.
इस अध्ययन के अनुसार भारत, वियतनाम और फिलिपीन जैसे विकासशील राष्ट्रों में 2070 से 2079 तक कार्विकल कैंसर पर काबू पाया जा सकता है. वहीं एक और अध्ययन में पाया गया है कि गर्भाशय ग्रीवा कैंसर से 181 में से 149 देशों में वर्ष 2100 तक निजात पाई जा सकती है. इसके अलावा अमेरिका, फिनलैंड, ब्रिटेन जैसे विकसित राष्ट्र इस बीमारी को आने वाले 25 से 40 सालों में काबू कर सकते हैं.
आपको बता दें कि गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर महिलाओं को होने वाला चौथा सबसे आम कैंसर है. वर्ष 2018 में इसके करीब 5,70,000 नए मामलों का पता चला था.
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