देशभर में कोरोनावायरस का खतरा लगभग बढ़ता जा रहा है. हमारे देश में कोरोना से संक्रमित मरीजो की संख्या थमने का नाम ही नहीं ले रही है.अब  तक भारत में  कोरोना से  संक्रमित मरीजों की संख्या 13 ,000 के पार जा चुकी है. जहाँ एक ओर महाराष्ट्र में इस महामारी से पीड़ित लोगों की संख्या 3500 से ऊपर पहुँच चुकी है.वही दूसरी तरफ दिल्ली,तमिलनाडु,राजस्थान,मध्य प्रदेश,गुजरात और उत्तर प्रदेश में भी कोरोना पीड़ितों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है.

कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए lockdown का दूसरा चरण भारत में लागू कर दिया गया है.40 दिनों के lockdown की अवधि 3 मई को खत्म होगी .

इस बीच मौसम ने करवट ली है और देश के कई इलाकों में पारा 40 डिग्री के आसपास पहुंच गया है. तापमान में बढ़ोत्तरी के साथ लोगों को गर्मी का अहसास होने लगा है. दिन व रात का तापमान सामान्य से ज्यादा दर्ज किया जा रहा है.आगे भी अब गर्मी बढ़ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. लेकिन गर्मी से राहत पाने के लिए लोग कूलर व एयर कंडीशनर (एसी) का इस्तेमाल करने से कतरा रहे हैं. क्योंकि कई लोगों के मन में यह सवाल उठ रहे हैं कि अगर हम ac या  कूलर चलाते हैं तो क्या कोरोना के  संक्रमण का खतरा बढ़ जाएगा?

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दरअसल, सोशल मीडिया में एक मैसेज वायरल हो रहा है कि एसी व कूलर चलाने से वायरस फैल सकता है. इन मैसेज से लोगों के मन में एसी और कूलर को लेकर आशंका आ गई है. लेकिन क्या सच में ऐसा है?

डॉ गुलेरिया के मुताबिक

1-क्रॉस वेंटिलेशन से है खतरा विंडो ac से नहीं

अगर आपके घर में विंडो एसी लगा है, तो आपके कमरे की हवा आपके ही कमरे में रहेगी, बाहर या दूसरे कमरों में नहीं जाएगी. इसलिए घर में लगा विंडो ac हो  या गाड़ी में लगा ac, चलाने में कोई दिक्कत नहीं है.

एक चीज़ का ध्यान रखें एसी को चलाने से पहले फिल्टर को डिटरर्जेंट से साफ कर लें.इससे फिल्टर में फंसे फंगस और बैक्टीरिया भी निकल जाएंगे. फिल्टर को साफ करते वक्त मुंह में मास्क व हाथों में दस्ताने पहनना भी जरूरी है.

2- सेंट्रल ac  से संक्रमण का खतरा

डॉक्टर गुलेरिया के मुताबिक ऑफिस या घर जहाँ भी सेंट्रल ac लगा है वहां  सेंट्रल ac के चलने से संक्रमण का खतरा तेजी से बढ़ सकता है. दरअसल सेंट्रल ac  से हवा सारे कमरों में सर्कुलेट होती  है और अगर किसी दूसरे कमरे में या ऑफिस के किसी और हिस्से में कोई व्यक्ति खास रहा है और उसको इंफेक्शन है तो ac से droplets के  ज़रिये  एक कमरे से दूसरे कमरे में भी संक्रमण फ़ैल सकता है. और खतरा बढ़ सकता है.

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