सिस्टोस्कोपी फ्लूइड युरेथ्रा वेजाइना एनस रैक्टम फ्लूइड फिलिंग ब्लैडर यूटरस कैंसर कोशिकाओं की जांच के लिए माइक्रोस्कोप के जरिए मूत्र का परीक्षण किया जाता है. कैंसर एक गैरसंक्रामक रोग है जो भारतीयों को बड़े पैमाने पर अपनी गिरफ्त में ले रहा है. आंकड़े बताते हैं कि औसतन 1,300 से अधिक भारतीय प्रतिदिन इस खतरनाक बीमारी से मर जाते हैं.

एक अनुमान है कि वर्ष 2020 तक इस बीमारी के मामले 25 प्रतिशत तक बढ़ जाएंगे. जितनी भी किस्म के कैंसर हैं, उन में ब्लैडर कैंसर दुनियाभर में हर साल लगभग 3,30,000 लोगों को प्रभावित करता है. यद्यपि ब्लैडर यानी मूत्राशय कैंसर के शिकार 50 प्रतिशत लोग धूम्रपान करने के कारण इस अवस्था में पहुंचते हैं, परंतु धूम्रपान न करने वालों के लिए भी जोखिम बराबर है. यह कैंसर महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में अधिक होता है क्योंकि वे कैंसर पैदा करने वाले रसायनों के अधिक संपर्क में रहते हैं और आंतरिक रूप से भी वे अधिक संवेदनशील होते हैं.

क्या है मूत्राशय का कैंसर

मूत्राशय का कैंसर या ब्लैडर कैंसर तब होता है जब मूत्राशय में कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं. कैंसर कोशिकाओं के अधिक होने पर ट्यूमर बन सकता है जो शरीर के अन्य क्षेत्रों में फैल सकता है. यह मूत्राशय की अंदरूनी परत से शुरू होता है और आखिरकार गहरी परतों पर आक्रमण कर सकता है. यह कई बार लंबे समय तक म्यूकोसा तक सीमित रह सकता है. यह कैंसर आकार में छोटा हो सकता है या नोड्यूल के रूप में दिखाई दे सकता है.

मूत्राशय कैंसर के प्रकार

मूत्राशय के कैंसर के कुछ सामान्य प्रकार अग्रलिखित हैं-

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