सोहन जिसे हार्ट अटैक आया था. उसे तड़पता देख परिजन परेशान हो गए. शुरुआत में कुछ समझ नहीं आने पर उसे घरेलू उपचार देना शुरू कर दिया लेकिन जब हालत बिगड़ती गई तो उसे नजदीकी अस्पताल में भर्ती करवाया गया जहां बेहतर इलाज मिलने के कारण सोहन की जान बचाई जा सकी.

हालत सुधरने पर डाक्टरों ने कहा कि अगर इन्हें कार्डिएक अरेस्ट पड़ा होता और आने में इतनी देर कर दी होती तो बचाना मुश्किल हो जाता क्योंकि तब उस के पास गोल्डन आवर नहीं बल्कि गोल्डन सैकंड जो होते. यह सुन परिजन हैरान रह गए और उन्होंने कहा कि हम तो अब तक हार्ट अटैक व कार्डिएक अरेस्ट को एक ही मानते थे.

तब डाक्टर ने बताया कि यह सिर्फ आप ही नहीं बल्कि अधिकांश लोगों का ऐसा मानना है. जबकि दोनों अलग हैं और आप को बता दें कि हार्टअटैक ही कार्डिएक अरेस्ट का कारण बनता है.

हार्ट अटैक व गोल्डन आवर का कनैक्शन

अकसर जब हार्ट अटैक आता है तब मरीज के पास गोल्डन आवर होते हैं क्योंकि उस एक घंटे में उसे बेहतर ट्रीटमैंट दे कर जान बचाई जा सकती है. आप को बता दें कि जब हार्ट अटैक आता है तो औक्सीनेटिड ब्लड हार्ट तक पहुंचने में सक्षम नहीं हो पाता है जो कि पूरे शरीर को पंप करने का काम करता है. जबकि हार्टअटैक के दौरान भी दिल की रक्त को पंप करने की क्रिया चलती रहती है भले ही वह धीमी हो जिस के कारण मरीज के पास गोल्डन आवर रह जाते हैं जिस में जल्दी व बेहतर इलाज मिलने पर जान बचाई जा सकती है. लेकिन देरी करने पर औक्सीनेटिड ब्लड का लैवल घटता है जो ब्रेन और अन्य अंगों को खराब करने के साथ स्ट्रो और कार्डिएक अरेस्ट का भी कारण बनता है.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD100USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...