गले में खराश की वजह से दर्द, खुजली, आवाज बैठना और कुछ निगलने में परेशानी जैसी समस्याएं हो सकती हैं. ऐसा कभीकभी या फिर बारबार हो सकता है और हो सकता है कि यह लंबे समय तक रहे. लंबे समय तक गले में खराश इन्फैक्शन सहित कई कारणों से हो सकती है, इसलिए जरूरी है कि इस के कारणों का पता लगाया जाए.

लंबे समय तक गले में खराश के कारण

एलर्जी: अगर आप को ऐलर्जी हो तो आप का इम्यून सिस्टम कई चीजों के लिए ज्यादा प्रतिक्रिया करता है, ये पदार्थ ऐलर्जन कहलाते हैं.

आमतौर पर कई खा-पदार्थ, कुछ पौधे, पालतू जानवरों के रोएं, धूल और परागकण ऐलर्जन हो सकते हैं. अगर आप को परागकणों,

धूल, सिंथैटिक खुशबू, मोल्ड आदि से ऐलर्जी हो तो गले में खराश की समस्या लंबे समय तक बनी रह सकती है.

हवा से होने वाली ऐलर्जी के लक्षणों में शामिल हैं

– नाक बहना

– खांसी

– छींकें

– आंखों से पानी बहना.

ऐलर्जी की वजह से पोस्टनेसल ड्रिप और साइनस में सूजन गले में ऐलर्जी के कारण हो सकते हैं.

पोस्टनेसल ड्रिप: इस से ब्यूकस साइनस से आप के गले में चला जाता है. इस से गले में लगातार खराश होती रहती है.

ऐसा मौसम में बदलाव, कुछ दवाओं, मसालेदार भोजन, बलगम, ऐलर्जी, हवा में सूखापन आदि की वजह से हो सकता है.

गले में खराश के अलावा पोस्टनेसल ड्रिप के कुछ लक्षण ये हैं:

– सांस में बदबू

– निगलने में परेशानी

– खांसी जो रात में बढ़ जाए

– मतली आना.

मुंह से सांस लेना: जब आप मुंह से सांस लेते हैं, खासतौर पर नींद में, तो इस के कारण गले में खराश हो सकती है. ऐसे में जब आप सुबह सो कर उठते हैं, तो आप को ज्यादा परेशानी होती है, कुछ पीने के बाद आप बेहतर महसूस करते हैं. रात में मुंह से सांस लेने के लक्षण हैं:

– मुंह सूखना

– गले में सूखापन या खुजली महसूस होना

– आवाज बैठना

– सुबह उठने पर थकान और चिड़चिड़ापन

– सांस में बदबू

– आंखों के चारों ओर काले घेरे

– ब्रेन फोंग.

अकसर नाक में किसी तरह की रुकावट के कारण व्यक्ति मुंह से सांस लेता है, जैसे नाक में कंजैक्शन, स्पीप  एप्रिया, ऐडिनौएड्स या टौंसिल्स का बढ़ना.

ऐसिड रिफलक्स: इसे सीने में जलन भी कहा जाता है. ऐसा तब होता है जब लोअर इसोफेगियल स्फिंक्टर कमजोर हो जाए और ठीक से बंद न हो पाए. इस से पेट की सामग्री फिर से लौट कर इसोफेगस में आ जाती है, कभी भी इस तरह का ऐसिड रिफलक्स गले में खराश का कारण बन जाता है. अगर आप को रोजाना ऐसे लक्षण हों तो परेशानी बढ़ सकती है.

समय की साथ, ऐसिड इ??सोफेगस और गले की लाइनिंग को नुकसान पहुंचने लगता है. इस रिफलक्स के कुछ लक्षण हैं:

– गले में खराश

– सीने में जलन

– मुंह में खटास

– सीने में जलन और पेट में असहज महसूस करना

– निगलने में परेशानी.

टौंसिलाइटिस: अगर आप को लंबे समय तक खराश रहती है और आराम नहीं मिलता तो हो सकता है कि आप को टौंसिलाइटिस हो. अकसर टौंसिलाइटिस बच्चों में पाया जाता है, लेकिन बड़ी उम्र के लोग भी इस का शिकार हो सकते हैं. टौंसिलाइटिस बैक्टीरिया या वायरस के संक्रमण से हो सकता है.

टौंसिलाइटिस साल में कई बार हो सकता है, कई बार इस के इलाज के लिए ऐंटीबायोटिक दवाओं की जरूरत होती है. टौंसिलाइटिस कई प्रकार का हो सकता है. इस के लक्षणों में शामिल हैं:

– निगलने में परेशानी और दर्द

– आवाज बैठना

– गले में खराश

– गले में अकड़न

– लिंफ नोड्स में सूजन के कारण जबड़े और गले में परेशानी

– टौंसिल्स पर सफेद या पीले धब्बे

– सांस में बदबू

– बुखार

– ठंड लगना

– सिर में दर्द.

मोनो: गले में खराश और टौंसिलाइटिस का एक और कारण है मोनोन्युक्लियोसिस, जो एपस्टीन बार वायरस के कारण होता है. मोनो 2 महीने तक चल सकता है. ज्यादातर मामलों में इस के लक्षण हलके होते हैं, थोड़े से इलाज से इसे ठीक किया जा सकता है. मोनो के लक्षण फ्लू जैसे दिखाई देते हैं. इस के लक्षण हैं:

– गले में खराश

– टौंसिल्स में सूजन

– बुखार

– बगल और गरदन की ग्रंथियों में सूजन

– सिर में दर्द

– थकान

– मांसपेशियों में कमजोरी

– रात में पसीना आना.

मोनो से पीडि़त व्यक्ति संक्रमण के दौरान गले में खराश महसूस कर सकता है.

गोनोरिया: यह यौनसंचारी रोग है, जो बैक्टीरिया नीसेरिया गोनोरिया के कारण होता है. हो सकता है कि आप सोचें यौनसंचारी रोगों का असर सिर्फ आप के यौनांगों पर ही पड़ता है, किंतु असुरक्षित ओरल सैक्स के कारण गले में गोनोरिया इन्फैक्शन हो सकता है. ऐसे मामलों में गले में खराश और लालगी हो सकती है.

टौंसिल ऐब्सैस: पेरिटौंसिलर एब्सैस, टौंसिल्स में होने वाला गंभीर बैक्टीरियल इन्फैक्शन है, जो गले में खराश का कारण बन सकता है. अगर टौंसिलाइटिस का ठीक से इलाज न किया जाए तो ऐसा हो सकता है. टौंसिल्स के आसपास इन्फैक्शन होने से कई बार मवाद बन जाता है और इन्फैक्शन आसपास के टिशूज में भी फैल जाता है.

आप गले के पिछले हिस्से में एब्सैस देख सकते हैं. लेकिन हो सकता है कि यह आप के टौंसिल्स के पीछे छिपा हो. इस के लक्षण आमतौर पर टौंसिलाइटिस जैसे होते हैं, लेकिन ज्यादा गंभीर हो सकते हैं. इन में शामिल हैं:

– गले में खराश, आमतौर पर एक साइड में ज्यादा

– गले और जबड़े में ग्रंथियों में सूजन

– खराश वाली साइड पर कान में दर्द

– 1 या दोनों टौंसिल्स में इन्फैक्शन

– मुंह को पूरा खोलने में परेशानी

– निगलने में परेशानी

– लार निगलने में परेशानी

– चेहरे या गरदन में सूजन

– सिर घुमाने या ऊपरनीचे करने में परेशानी

– सिर में दर्द

– आवाज में घरघराहट

– बुखार आना और ठंड लगना

– सांस में बदबू.

धूम्रपान: धूम्रपान या सैकंडहैंड स्मोक गले में खराश का कारण बन सकता है. यह अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, ऐंफाइसेमा को गंभीर बना सकता है. हलके मामलों में सिगरेट के धुएं के संपर्क में रहने से गले में खराश हो सकती है. धूम्रपान कैंसर और गले में दर्द का कारण भी बन सकता है.

-डा. सुधा कंसल

रैसपिरेटरी स्पैश्यलिस्ट, इंद्रप्रस्थ अपोलो हौस्पिटल, दिल्ली.    

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