फिल्मों के सुपरहीरो जिनकी नकल बच्चों से लेकर किशोर तक करते हैं. शोध कहते हैं कि बड़े पर्दे पर दिखाए जाने वाले आधुनिक सुपरहीरो हिंसा और बदले की भावना का प्रचार करते हैं. इससे यह सिद्ध होता है कि ये बच्चों के लिए खराब रोल मॉडल या आदर्श होते हैं. यह बात अमेरिकी मनोवैज्ञानिकों के एक समूह द्वारा किए गए अध्ययन में कही गई है.

अध्ययन के अनुसार पहले के सुपरहीरो सामान्य काम करते थे और सामाजिक न्याय में भरोसा करते थे लेकिन हॉलीवुड के नए सुपरहीरो आक्रामक और व्यंग्यात्मक होते हैं और मुश्किल से ही कभी मानवता के लिए कुछ अच्छा करने के विषय में बोलते हैं.

एक निजी समाचार पत्र के मुताबिक विशेषज्ञों की राय है कि यदि समाज दयालुता और पुरुषों के कम पारंपरिक व्यवहार को बढ़ावा देना चाहता है तो बच्चों के लिए सुपरहीरो द्वारा खलनायकों की पिटाई के दृश्य देखना अच्छा नहीं है.

मैसाचुसेट्स विश्वविद्याल की शैरॉन लैम्ब का कहना है कि 'आयरन मैन' जैसे आधुनिक सुपरहीरो केवल स्वार्थी लक्ष्यों को प्रदर्शित करते हैं. डॉ लैम्ब ने 'अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन' के वार्षिक सम्मेलन में कहा, "आजकल की फिल्मों के सुपरहीरो और कल की कॉमिक्स किताबों के सुपरहीरो के बीच बहुत बड़ा फर्क है."

उन्होंने कहा कि आजकल के सुपरहीरो बहुत कुछ एक्शन हीरो जैसे होते हैं जो लगातार हिंसा में भाग लेते हैं, जो आक्रामक होते हैं, व्यंग्यपूर्ण होते हैं और मानवता की भलाई के लिए बहुत मुश्किल से ही बोलते हैं.

उन्होंने कहा कि जब 'आयरन मैन' जैसे सुपरहीरो अपनी सुपरहीरो वाली पोशाक में नहीं होते हैं तो महिलाओं का शोषण करते हैं और बंदूकों के साथ अपनी मर्दानगी प्रदर्शित करते हैं.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD100USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...