लॉकडाउन में लोग कोरोना संक्रमण से बचने के लिए अधिकतर समय घर पर ही बिताने के लिए मजबूर है. वर्क फ्रॉम होम होने की वजह से उन्हें अधिक से अधिक समय कम्प्यूटर पर बिताना पड़ रहा है, क्योंकि जब आप ऑफिस जाते है तो जाने-आने का समय निकालने के बाद का समय जो तक़रीबन 4 से 5 घंटे ही होता है. उतनी देर तक काम करते है. इसके अलावा घर पर रहते हुए परेशान होने पर लोग अधिकतर फोन या टीवी देखते रहते है. इससे आंखो की समस्या कुछ महीनों में बढती दिखाई दे रही है.
आंखो में जलन या खुजली जैसी परशानी लोगो में दिख रही है. सिर्फ बड़े ही नहीं, बल्कि बच्चे भी इससे प्रभावित हो रहे है, जो बच्चे ज्यादा देर तक टैबलेट्स पर वक्त बिताते हैं या स्कूल से जुड़े कामों के लिए कंप्यूटर का इस्तमाल करते हैं, उन्हें भी इस तरह की समस्या हो सकती है. इस बारें में दिल्ली के अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. कार्तिकेय संगल कहते है कि कंप्यूटर विजन सिंड्रोम’ आँखों से जुडी एक समस्या है, जो घंटो लगातार लैपटॉप, टीवी और कम्प्यूटर के सामने बैठने से होती है. कोरोना संक्रमण की वजह से सभी लोग घर पर है और पिछले कुछ महीनों से आँखों की समस्या बढ़ती दिखाई दे रही है. समय रहते इलाज होना जरुरी है, नहीं तो दृष्टि की समस्या हो सकती है.
कम्प्यूटर विजन सिंड्रोम के लक्षण
कम्प्यूटर ज्यादा देर तक इस्तमाल करने से आंखों को लंबी अवधि में नुकसान पहुंचता है, इसके कोई प्रमाण फिलहाल उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन रोज 8 से 10 घंटे लगातार कम्प्यूटर स्क्रीन पर काम करने से आंखों पर काफी दबाव पड़ता है, जिससे परेशानी महसूस हो सकती है. कम्प्यूटर विजन सिंड्रोम के लक्षण निम्न है,