कोरोनावायरस के पूरे देश में फैलने से रोकने की दिशा में तुरंत जांच की सुविधा मुहैय्या करवाने के उद्देश्य से पुणे की फर्म माय लैब ने भारत में बनी पहलीकोविड 19 टेस्ट किट बनाने में सफलता हासिल की है, जिसे भारत सरकार की ऍफ़डीए/ सेंट्रल ड्रग्सस्टैण्डर्डकंट्रोलऑर्गनाइजेशन (CDSCO) के तहत कमर्शियल एप्रूव्ड मिला है. ये अभी की टेस्ट किट से करीब एक चौथाई दाम में बाज़ार में उपलब्ध होगी. ये टेस्टिंग टाइम को 65 प्रतिशत कम कर देगी. इस बारें में ‘माय लैब’ के मेडिकल अफेयरडायरेक्टर डॉ. गौतम वानखेड़े का कहना है कि इस बीमारी की चुनौती को देखते हुए केवल6 महीने में इस टेस्ट किट को लाया गया है, क्योंकि अभी जो किट उपलब्ध है वह महंगे है और उसकी पर्याप्त मात्रा हमारे देश में नहीं है, ऐसे में अगर कम समय में जल्दी इस बीमारी की जांच कर लिया जाता है तो इसके संक्रमण से बचा जा सकता है और इलाज जल्दी होकर ठीक होने की भी संभावना बढ़ जाती है.
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इसके आगे डॉ. गौतम कहते है कि माय लैब पैथो डिटेक्ट कोविड 19 क्वालिटेटिव PCR किट,100 प्रतिशत सेंसिविटी और 100 प्रतिशत स्पेसिफिसिटी हैऔर इवैल्यूएशन आईसीएम्आर के तहत है. बेसिक क्वालिटी कंट्रोल चेक होने के बाद ये किटएक दिन में मुंबई और पूणे की सभी अस्पतालों में भेजना शुरू कर दिया जायेगा. इसकी उत्पादन की क्षमता को भी बढाकर दोगुनी कर दी जाएगी, ताकि सबकी जांच हो सकें. इस किट का काम आज से करीब ढाई महीने पहले शुरू किया गया था, इसमें पर्टिकुलर जीनपर टारगेट किया गया है, जिसकी वजह से वायरस शरीर में आया है, फिरइसमें कुछ बदलाव किये गएऔर wHO बर्लिन प्रोटोकॉल को फोलो किया गया. इसमें पूरी टीम 12 से 16 घंटे लगातार काम कियाहै. लैब में करीब 20 लोगों की इंटरनल टीम ने काम किया है.
इस किट में ब्लड या बलगम के द्वारा टेस्ट किया जा सकता है. इसका टर्न अराउंड टाइम ढाई से तीन घंटे का है और ये टेस्टिंग पीरियड है. इसमें पूरा प्रोसीजर हो जाता है और रिजल्ट सामने आ जाता है. इसमें दो तरह के टेस्ट होते है, एक स्क्रीनिंग दूसरा कन्फर्मेशन. दोनों ही इस समय में पूरा हो सकता है. ये महंगा नहीं है औरअभी इसका दाम आज के किट के मूल्य का एक तिहाई या एक चौथाई रखने की उम्मीद है. धीरे-धीरे इसे और भी कम करने की कोशिश है. इंडियन मेडिकल रिसर्च ने भी इसकी जांच को सही माना है. लाल पैथोलॉजी, मेट्रोपोलिस, थाईरोकेयर आदि सभी दिल्ली और मुंबई के जांच करने वालेलैब्स को ये किट भेजा जा रहा है. हमें अप्रूवल की जरुरत थी जो आज मुझे मिला है और हम जल्दी से जल्दी इसे लोगों तक पहुंचाने में जुटे है. सभी टेस्ट के बाद इसे मार्किट में उतारा जायेगा. ये विश्व का सबसे सेंसीटिव किट है, जो वायरस के जेनिटिक मटेरियल को टारगेट करती है, उसे ढूंढती है. साथ ही थोड़े से इन्फेक्शन को पता लगाने में समर्थ होती है.
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इसे बनाना आसान नहीं था,क्योंकि शुरू में इसके सैंपल का मिलना कठिन था, क्योंकि यहां कोरोना के मरीज कम थे और एक्सेस भी नहीं था,ऐसे में हम लोगों ने सिंथेटिक RNA का प्रयोग किया. फिर पूणे और मुंबई की कस्तूरबा हॉस्पिटल को दिया उन्होंने रिपोर्ट ड्रग्स अथोरिटी को दिया और ये किट बन पायी है. उम्मीद है इससे हमारे देश के नागरिकों को इस रोग से लड़ने की दिशा में बल मिलेगा.