कोरोना का कहर पूरे संसार पर ढह रहा है. लगभग हर देश इसकी चपेट में आ चुका है. लोग घरों में कैद होने पर मजबूर हैं. क्या करें, इससे बचाव भी ज़रूरी है. भीड़ भरे इलाकों में नहीं जाना है, साफ सफाई का ध्यान रखना है और संक्रमण से बचना है. पर इन सारी बातों का असर हमारी जीवन शैली के साथ हमारी ज़िंदगियों पर भी पड़ रहा है क्यूंकी इन दिनों जो क्वारेंटाइन में रहना पड़ रहा है उसमें न केवल अपनी जरूरतों, चिंताओं और व्याकुलताओं का ध्यान रखना होगा बल्कि अपने साथी की भी जो आपके साथ एक ही घर में बंद रहने को विवश है. क्या होगा जब पति पत्नी या लिव-इन जोड़े एक घर में हर समय रहने को बाध्य हों? कैसी होगी वो स्थिति जब रात-दिन पति पत्नी एक दूसरे के सामने रहने को मजबूर हों? और याद रहे, ये कोई हनीमून  नहीं चल रहा. शोध से पता चलता है कि ऐसे हालात में लोगों को अमूमन हताशा, ऊब, एकाकीपन, गुस्सा व तनाव जैसी भावनाओं का सामना करना पड़ सकता है.

दुनिया भर में पति-पत्नी पर बने चुटकुलों की कमी नहीं है. सब जानते हैं कि भले ही ये रिश्ता जीवन भर का होता है पर फिर भी थोड़ा ब्रीदिंग स्पेस सबको चाहिए. इसलिए अच्छा रहता है कि पति सुबह ऑफिस जाए, पत्नी हाउसवाइफ हो या अपने ऑफिस जाती हो, और देर शाम ही दोनों की मुलाक़ात हो. इस तरह से दोनों को अपनी-अपनी अलग ज़िंदगी जीने को मिलती रहती है. फिर मिलने पर कई नई बातों का पिटारा भी होता है जो इस रिश्ते में एक फ्रेशनेस लाता है. पर कोरोना के चक्कर में ये ताज़ी हवा का झोंका भी बंद हो गया है. जिस जोड़ों के घरों में बच्चे हैं, वहाँ ध्यान बाँटने वाले और भी सदस्य हैं, पर जो जोड़े बिन बच्चों के हैं, वहाँ घरेलू सीन में एक-दूसरे के सिवा और है ही कौन.

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