विश्वभर में कोरोना का कहर बरपा हुआ है. मौतों का वैश्विक आंकड़ा 20,000 के पार पहुंच चुका है और भारत में कोरोना वायरस से अब तक 10 मौतें हो चुकी हैं. इस वाइरस से खतरा यों तो हर उम्र के व्यक्ति को है लेकिन बुजुर्गों को लगातार अत्यधिक सावधानी बरतने की हिदायतें दी जा रही हैं और कहा जा रहा है कि 60 से ज्यादा उम्र के व्यक्ति को कोविड-19 होने का खतरा अधिक है.
वर्ल्ड हैल्थ और्गनाइजेशन के अनुसार, बुजुर्ग व वे लोग जिन्हें पहले से ही कोई बीमारी जैसे डाइबिटीज, दिल की बीमारी, अस्थमा आदि हो, उन के इस वाइरस की चपेट में आने की संभावना अधिक है.
कोरोना वायरस के सामान्य लक्षण हैं श्वसन संबंधी परेशानी जैसे सांस लेने में दिक्कत, खांसी, थकान आदि. वायरस की चपेट में आए व्यक्ति को निमोनिया, सिवियर अक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम, किडनी फेल हो जाना या मृत्यु तक हो सकती है.
हिमेटोलॉजिस्ट व बोनमेरो ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ डा. राहुल भार्गव के अनुसार, “वृद्धावस्था में व्यक्ति पहले से ही किसी न किसी बीमारी से घिरा रहता है खासकर दिल की बीमारी या हाइपरटेंशन से अतः उस के बीमारी के चपेट में आने की संभावना भी अत्यधिक होती है, यही कारण है कि बुजुर्गों को कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खतरा अधिक है. वृद्धावस्था में व्यक्ति की इम्यूनिटी कम होती है व इस वायरस से लड़ने के लिए उन का शरीर तैयार नहीं होता. वाइरस उन के शरीर में जाते ही अपना असर दिखाने लगता है और उन का शरीर उस से लड़ नहीं पाता जिस से उन के फेफड़ों पर अत्यधिक असर पड़ता है और आखिर में मल्टिपल और्गन फेलियर के चलते उन की मृत्यु हो जाती है.”