अमेरिका से प्रकाशित विश्वप्रसिद्ध इंग्लिश दैनिक समाचारपत्र ने लिखा है कि भारतीय जनता पार्टी के नेता नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री रहते भारत में लोकतंत्र के चौथे स्तंभ माने जाने वाले प्रेस की आजादी को भूल जाइए.

अप्रैल 2, 2020 डेटलाइन से न्यूयार्क टाइम्स ने अपनी एक विशेष रिपोर्ट में भारतीय पत्रकारों से की गई बातचीत के आधार पर लिखा है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के भीतर मीडिया के बड़े भाग पर नियंत्रण करने की कोशिश की है जैसा दशकों से दूसरे नेता भी करते आए हैं.

करोना वायरस फैलने के बाद तो मोदी और भी मुखर हो गए हैं और उनकी सरकार ने बड़े मीडिया संस्थानों को कड़े निर्देश दिए हैं कि वे सरकार की कोशिशों के बारे में सकारात्मक और उत्साहजनक बातें ही छापें.

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अमेरिकी अखबार ने लिखा कि मोदी सरकार के मंत्री कार्पोरेट सेक्टर की मदद से उन मीडिया संस्थानों को ध्वस्त कर देने की कोशिश करते हैं जो आज़ाद हैं. आज़ाद मीडियाकर्मियों को रिपोर्टिंग से रोका जाता है. उन्हें उन इलाक़ों में जाने नहीं दिया जाता जहां कोई विवाद चल रहा है. विदेशी पत्रकारों को वीज़ा देने में आनाकानी की जाती है.

भारत सरकार का सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय टीवी चैनलों, समाचारपत्रों व दूसरे मीडिया संस्थानों को अकसर निर्देश देता रहता है कि वे क्या न दिखाएं, क्या न प्रकाशित करें.

‌‌ जम्मू व कश्मीर में बड़े पैमाने पर मानवाधिकारों का हनन हो रहा है, मगर सरकार ने अपने तौर पर यह सुनिश्चित कर लिया है कि इन घटनाओं की रिपोर्टिंग न होने पाए.

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