कहानी- विनय कुमार पाठक
रमासन्न रह गई. उस के मोबाइल पर व्हाट्सऐप पर किसी ने उस के अंतरंग क्षणों का वीडियो भेजा था और साथ में यह संदेश भी कि यदि वह इस वीडियो तथा इस तरह के और वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड होते नहीं देखना चाहती तो उस के साथ उसे हमबिस्तर होना पड़ेगा और वह सबकुछ करना पड़ेगा जो वह
उस वीडियो में बड़े प्यार और कुशलता से कर रही है.
वह घर में फिलहाल अकेली थी. प्रकाश औफिस जा चुका था. वह शाम 7 बजे के बाद
ही घर लौटता है. क्या करे, वह समझ नहीं पा रही थी. ‘प्रकाश को फोन करूं क्या?’ उस ने सोचा.
नहीं, पहले समझ तो ले मामला क्या है मानो उस ने खुद से कहा. उस ने वीडियो क्लिप को ध्यान से देखा. कहीं यह वीडियो डाक्टर्ड तो नहीं? किसी पोर्न साइट में उस के चेहरे को फिट कर दिया गया हो शायद. पर नहीं. यह डाक्टर्ड वीडियो नहीं था. वीडियो में साफसाफ वही थी. दृश्य भी उस के बैडरूम का ही था
और उस के साथ जो पुरुष था वह भी प्रकाश ही था. बैडशीट भी उस की थी. इतनी कुशलता से कोई कैसे पोर्न वीडियो में तबदीली कर सकता है?
प्रकाश ओरल सैक्स का दीवाना था. वह तो पहले संकोच करती थी पर धीरेधीरे उस की झिझक भी मिट गई थी. अब वह भी इस का भरपूर आनंद लेने लगी थी. साथ ही प्रकाश उन क्षणों का आनंद रोशनी में ही लेना चाहता था. फ्लैट में और कोई था नहीं. अत: अकसर वे रोशनी में ही यौन सुख का आनंद लेते थे.