कोरोना वायरस फैलने के साथ ही किसी भी जगह को छूने से हम कतरा रहे हैं. हमारे मन में यह डर बैठ गया है कि किसी चीज को छूने से यह वायरस हमारे अंदर ना आ जाए. कोई कोहनी से दरवाजा खोल रहा है तो कोई लिफ्ट का स्विच. लोग टिशू पेपर से नल बंद कर रहे हैं. हर तरफ साफ-सफाई पर जोर दिया जा रहा है, घर से काम करने वाले कर्मचारी भी लैबटौप और की-बोर्ड को सैनेटाइज कर रहे हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि यह वायरस किस जगह पर कितनी देर तक टिक सकता है. यहां हम आपको इस बारे में पूरी जानकारी दे रहे हैं.
जानकारी के अनुसार, कई जगहों पर इनफेक्शन को रोकने वाली दवाइयों का छिड़काव किया जा रहा है और लौकडाउन में काम करने वाले कर्मचारियों को प्रोटेक्टिव कपड़े भेजे जा रहे हैं. वहीं कुछ शहरों में रात के समय कैश मशीनों (एटीएम) के की-पैड्स को साफ़ किया जा रहा है.
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बता दें कि फ़्लू जैसे दूसरे वायरस की तरह कोविड-19 भी संक्रमित शख़्स के छींकने या खांसने के जरिए मुंह और नाक से निकलने वाली बूंदों से भी फैलता है. दरअसल, एक बार की छींक से लगभग तीन हजार बूंदें पैदा हो सकती हैं. ये कण दूसरे लोगों पर, उनके कपड़ों या उनके इर्द-गिर्द सतह पर गिर सकते हैं. हालांकि, कुछ छोटे पार्टिकल्स हवा में भी रह सकते हैं.
इस बात का भी प्रूफ मिला है कि कोरोना वायरस लंबे समय तक मल पर टिक सकता है, इसलिए टौयलेट से आने वाले को शख्स को अच्छी तरह से अफने हाथों को धोना चाहिए. अगर उसने ऐसा नहीं किया तो उसके संपर्क में आने वाली दूसरी चीजें भी संक्रमित हो सकती हैं.