"कोरोना वायरस" के बढ़ते प्रकोप के चलते स्कूलों में भी छुट्टियां हो गई है. बच्चे अपने घरों में कैद हो गए हैं. ना तो उनको अपने दोस्तों से मिलने दिया जा रहा ना ही वो घर से बाहर निकल कर खेलकूद पा रहे. छोटे बच्चे तो किसी भी तरह से अपने पैरेंट्स की बात मान भी ले रहे पर किशोरावस्था के बच्चे यह बात नही समझ पा रहे ऐसे में बच्चों में अनावश्यक रूप से तनाव फैल रहा. यह हालत गंभीर हो रही है ऐसे में पैरेंट्स को चाहियें की वो बच्चो के साथ समझदारी से पेश याए. साइको थेरेपिस्ट सुप्रीति बाली ने कुछ टिप्स दिए और कहा कि इस तरह से पैरेंट्स अपने किशोरावस्था के बच्चो को "करोना क्राइसेस" में अनावश्यक तनाव से बचा सकते है.
1. बच्चे अपने दोस्तों के साथ खेलने का अवसर नही पा रहे. उनको लगातर घर पर रहना पड़ रहा है. ऐसे में उनके अंदर फैलने वाली निराशा से बचाएं. पैरेंट्स उनकी निराशा को समझे और उनकी भावनाओं सुने बिना कोई निर्णय ना दे.
2. बच्चो को तनाव से बचने के लिए जरूरी है कि बच्चो की नींद का एक तय समय रखे. समय पर सोने और जागने से बॉडी का सिस्टम ठीक रहता है बच्चो में अनावश्यक तनाव नही बढ़ता है.
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3. बच्चो को बाहरी लोगों से बचा कर रखें. जिससे संक्रमित लोगो से उनको बचाया जा सके.
4 . करोना को लेकर अपने डर, तनाव और चिंता बच्चो पर थोपे.
5 . कोरोना महामारी के बारे में स्पष्ट रूप से उनसे बात करना चाहिए. जानकारी कम होने की वजह से वो अधिक चिंता करते हैं.
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