प्रैगनैंसी से लेकर लैक्टेशन के पीरियड तक मां अनेक शारीरिक और हारमोनल बदलावों से गुजरती है. ऐसे में अगर शरीर को सभी जरूरी पोषक तत्त्व नहीं मिलते हैं तो उस का हैल्थ पर सीधा प्रभाव पड़ता है. जानिए, इस संबंध में डा. वंदना सी शर्मा, एमबीबीएस, एमडी, ओब्सटट्रिशियन ऐंड गाइनोकोलौजिस्ट, इंटीग्रेटेड वैलनैस कंसल्टैंट से:

जब हों गर्भवती

इस दौरान मां को अपनी सेहत के साथसाथ गर्भ में पल रहे शिशु की सेहत भी सुनिश्चित करनी होती है. इस दौरान डाइट में इन चीजों का ध्यान रखें:

फौलिक ऐसिड: जितना हो सके विटामिन बी युक्त भोजन को अपनी डाइट में शामिल करें. इस के लिए आप हरी पत्तेदार सब्जियां, बींस, साबूत अनाज, दूध, नट्स ज्यादा मात्रा में लें. कई बार शरीर को इस की जितनी मात्रा की जरूरत होती है उस की पूर्ति इन खाद्यपदार्थों से नहीं हो पाती है, जिस के लिए फौलिक ऐसिड के टैबलेट दिए जाते हैं. खासकर प्रैगनैंसी के 3 से 6 महीने पहले से ये टैबलेट दिए जाते हैं.

कैल्सियम: कैल्सियम एक खनिज है, जिस के माध्यम से बच्चे की हड्डियां व दांत मजबूत होते हैं और अगर प्रैगनैंट वूमन इसे भरपूर मात्रा में नहीं लेती है तो बच्चे में इस की कमी रह जाती है. इसलिए इतने महत्त्वपूर्ण समय में हरी पत्तेदार सब्जियां, सोयाबीन, टोफू, नट्स बगैरा खाना न भूलें.

प्रोटीन: प्रैगनैंसी के समय ज्यादा से ज्यादा प्रोटीन रिच फूड लें, क्योंकि यह बच्चे के शरीर के जरूरी अंगों जैसे ब्रेन और हार्ट के निर्माण में सहायक होता है. इस के लिए आप बींस, मटर, अंडे, नट्स, टोफू को अपने खाने में शामिल करें.

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