पहले पढ़ें- DIWALI 2019: साइनोसाइटिस का आयुर्वेदिक उपचार

बड़े और बच्चों, सभी में साइनस के लक्षण एक जैसे ही होते हैं. इसके अलावा, सर्दी-जुकाम, फ्लू, अस्थमा, क्रौनिक औबस्ट्रक्टिव पल्मनरी डिजीज़ (COPD) और साइनस के काफी लक्षण करीब-करीब एक जैसे होते हैं. हालांकि इन सभी बीमारियों में कुछ फर्क भी होता है:

किसी को साइनस की प्रौब्लम अगर कुछ बरसों तक रहे तो वह आगे चलकर अस्थमा में बदल सकती है. हालांकि बच्चों में यह समय 8 से 10 साल का होता है.

ऐसे करें बचाव

1- एलर्जी से बचने के लिए बहुत ज्यादा भारी-भरकम और गद्देदार फर्नीचर से परहेज करें. अपने तकियों, बिस्तरों और कारपेट की नियमित सफाई करें. गलीचों और पायदानों की सफाई का भी ध्यान रखें. परफ्यूम आदि की गंध से दूर रहें. एयर पलूशन से बचें.

2-अपने घर के वेंटिलेशन सिस्टम को सुधारें. जहां तक हो सके, घर की खिड़कियां खोलकर हवा को आर-पार जाने दें.

3-जिन लोगों को जुकाम या कोई दूसरा वायरल इंफेक्शन हो, उनके संपर्क में जाने से बचें.

4-बहुत ज्यादा या बहुत कम तापमान में न रहें. तापमान में अचानक आने वाले बदलाव से बचें.

5-तनाव से दूर रहें. तनाव के कारण शरीर की रक्षा करनेवाले सफेद सेल कमजोर पड़ जाते हैं.

6-स्वीमिंग से बचें. अगर स्वीमिंग करनी ही हो तो नाक को ढक लें. ध्यान रखें कि स्वीमिंग के पानी में क्लोरीन जरूर हो.

7-नमक के पानी से अपनी नाक की सफाई करें.

8-सफाई का खास ख्याल रखें. बैक्टीरियल और वायरल इन्फेक्शन से बचें. अपने हाथों को हमेशा साबुन से साफ करें.

9-रोजाना 8-10 गिलास पानी पिएं.

10-सुबह उठते ही चाय या गर्म पानी पिएं. गर्म चीजें पीने से नाक या गले में बलगम जमा नहीं होता.

क्या है इलाज

स्टीम

बारी-बारी से नाक के दोनों नथुने साफ करें. पानी उबालें और डॉक्टर की बताई दवाई डालकर पंखे बंद कर कपड़ा ढककर नाक और मुंह से लंबी-लंबी सांस 8-10 मिनट तक लें. इसके बाद 20 मिनट तक हवा में न जाएं. सिंपल ताजे साफ पानी से भाप लेना ज्यादा अच्छा रहता है. किसी भी नेज़ल स्प्रे का खुद से बिल्कुल इस्तेमाल न करें. डॉक्टर की सलाह से ही स्प्रे यूज करें. सलाइन वॉटर यानी नमक के पानी का इस्तेमाल करना सबसे ज्यादा फायदेमंद रहता है.

कब होता है औपरेशन

1 जब नाक में मस्सा बन गया हो

2 फंगस या इन्फेक्शन ब्रेन तब पहुंच गया हो या आंखों पर दवाब डाल रहा हो

3 सर में बहुत ज्यादा तेज दर्द हो और नींद डिस्टर्ब हो

सर्जरी का खर्च हौस्पिटल के हिसाब से अलग-अलग होता है लेकिन करीब 60 हजार से डेढ़ लाख रुपये तक का खर्च आता है. सर्जरी में एक दिन का समय लगता है. अगर मरीज सर्जरी कराने के बाद इलाज जारी न रखे या डॉक्टर की बताई जरूरी दवाएं लेना बंद कर दे तो समस्या वापस आ सकती है.

क्या खाएं

1 खजूर, किशमिश, सेब, सोंठ, अजवायन, हींग, लहसुन, लौकी, कद्दू, मूंग के अलावा ताजा सब्जियों का सूप पिएं.

2-सुबह खाने से पहले या खाने के बाद रोज एक आंवला खाएं.

3-रोजाना एक चम्मच च्यवनप्राश खाएं.

4-हल्के गुनगुने पानी से नहाएं.

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5-10 से 15 तुलसी के पत्ते, 1 टुकड़ा अदरक और 10 से 15 पत्ते पुदीने के लें. सबको पीसकर एक गलास पानी में उबाल लें. जब पानी उबलकर आधा रह जाए तो उसे छान लें और स्वाद के अनुसार शहद मिलकार पिएं. इसे पूरे दिन में दो बार (सुबह खाने के बाद और रात को सोने से पहले) पीने से साइनस में आराम मिलता है.

क्या न खाएं

बासी खाना, गन्ने का रस, दही, चावल, केला, आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक, फ्रिज का ठंडा दूध, चॉकलेट, तीखा खाने से बचें. ठंडी हवा में ज्यादा न घूमें या नाक और मुंह को ढककर रखें.

पानी की कमी से बचें

आपको साइनस की समस्या है तो यह जान लें कि आपके शरीर में पानी की भी कमी है. आपको जल्द ही इस समस्या से निजात पाना होगा, वरना गंभीर स्थिति पैदा हो जाएगी. इसके लिए आपको रोज खूब पानी पीना चाहिए. अल्कोहल, कैफीन, मीठे शरबत आदि पीने और स्मोकिंग करने से बचें. क्यों, क्या नुकसान.

सर्दी-जुकाम के आयुर्वेदिक उपचार

(1) लक्ष्मी विलास रस : यह शरीर के लिए बहुत ही असरदार आयुर्वेदिक जड़ी है. इसके साथ शहद और पान की रस को सुबह-शाम लेने से जुकाम ठीक हो जाता है.

(2) सुदर्शन घनवती : इसका स्वाद कड़वा होता है, सर्दी जुकाम के लिए अत्यन्त लाभकारी होती है.

(3) एलादी वटी : इसे मुह में लेकर चूसने से दर्द वाली सर्दी-जुकाम में आराम मिलता है, सर्दी-जुकाम-खाँसी के लिए बहुत ही असरदारक दवा है.

(4)गोदंती भस्म और लक्ष्मी विलास रस : इन दोनों को मिलाकर लेने से सर्दी जुकाम में आराम मिलता है.

सर्दी-जुकाम के होने के पीछे केवल ठण्ड ही नही ज़िम्मेदार होता है. इसके अलावा कब्ज , बदहजमी , रात में जगना, मौसम के बदलाव, कमजोरी आदि सर्दी-जुकाम होने के लिए उत्तरदायी हो सकते हैं.

सर्दी-जुकाम के घरेलू उपचार

(1) अदरक – नींबू – शहद

अदरक और नींबू का रस और शहद बराबर मात्रा में लें, फिर इन तीनों को किसी साफ़ बर्तन में गर्म करें. थोड़ा गुनगुना गर्म रह जाने पर चाट लें, इसी तरह 2-3 घंटे के अंतराल में करते रहे, जुकाम ठीक हो जाएगी.

(2) पान – तुलसी – शहद

एक चम्मच शहद के साथ पान और तुलसी के रस को अच्छे से मिला लें. फिर इस नुश्ख को थोड़े-थोड़े मात्रा में चाते, दिन में 3-4 बार दोहराहें, जुकाम ठीक हो जायेगा.

(3) सुहागा – पानी

किसी साफ़ तवे पर सुहागे को गर्म कर लें. फिर इस गर्म सुहागे को बढ़िया से पीसकर किसी साफ़ सीसी में भर लें. तत्पश्च्यात थोड़े से गर्म पानी के साथ आधा ग्राम पीसी हुयी सुहागे को घटकने से सर्दी जुकाम ठीक हो जायेगा.

(4) अदरक – तुलसी – शहद

शहद के साथ तुलसी और अदरक के रस को अच्छे से मिलाएं. फिर इस नुश्ख को दिन में 4 से 5 बार आधा-आधा चम्मच लें, सर्दी-जुकाम और नज़ला ठीक हो जाता है.

(5) अदरक – तुलसी – गुड़ – काली मिर्च

छोटा कटा हुआ अदरक, तुलसी की पत्ती, थोड़ा सा गुड़ और थोड़ी सी काली मिर्च पावडर लें. फिर इन सभी को एक साथ पानी में मिलाकर धीमी आंच पर चाय की तरह पकाए. पक जाने पर गरमा गर्म इसे नुश्ख को चाय की चुस्की की तरह पियें. दिन में 5-6 बार दोहराएँ जुकाम ठीक हो जायेगा.

एक्सपर्ट् पैनल

सीनियर एक्सपर्ट डाक्टर अमित कौर , देहली

डौ. संजय शाह ईएनटी स्पेशलिस्ट , मुरादाबाद,

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