हम सभी अपने जीवन में कभी न कभी जोड़ों के दर्द से पीडि़त होते हैं. हालांकि सभी जोड़ों के दर्द का मतलब यह नहीं है कि हम आर्थराइटिस से पीडि़त हैं. लेकिन 1 से अधिक जोड़ों में लगातार होने वाले दर्द को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए. जोड़ों के दर्द को नजरअंदाज करने से जोड़ों में खराबी आ सकती है और परिणामस्वरूप उनमें विकृति आ सकती है. इसलिए चिकित्सीय सहायता जरूरी है.
इसके अलावा आर्थराइटिस के 200 विभिन्न प्रकार हैं. विभिन्न प्रकार के आर्थराइटिस में गंभीरता के विभिन्न स्तर होते हैं. आर्थराइटिस के विभिन्न प्रकारों में, गठिया बाय भारत में आर्थराइटिस का दूसरा सब से आम प्रकार है. गठिया बाय आर्थराइटिस का गंभीर प्रकार है क्योंकि यह सिर्फ जोड़ों का रोग नहीं है बल्कि यह त्वचा, आंखें, हृदय, फेफड़े और गुर्दे जैसे अन्य महत्वपूर्ण अंगों को भी प्रभावित करता है. गठिया बाय एक ऑटोइम्यून रोग है जिसका अर्थ है कि प्रतिरक्षा प्रणाली में कुछ समस्या है. गठिया बाय में रोगी की प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर के स्वस्थ ऊतकों पर हमला करना शुरू कर देती है और दर्द और अन्य लक्षण जैसे सूजन और जकड़न का कारण बनती है. इससे शुरुआत में छोटे जोड़ प्रभावित होते हैं लेकिन बाद में शरीर के अन्य अंग भी प्रभावित हो सकते हैं.
गठिया बाय बहुत तेजी से आगे बढ़ता है और इसलिए शरीर के अन्य भागों में विकृति और जटिलताओं को रोकने के लिए प्रारंभिक अवस्था में गठिया बाय का निदान और उपचार करना आवश्यक है.
यहां कुछ लक्षण दिए गए हैं जो गठिया बाय को पहचानने और अपने डॉक्टर से परामर्श करने में मदद कर सकते हैं.