राधिका जब 22 साल की थीं जब उनकी शादी अरुण से हुई. दुबले-पतले छरहरे जिस्म और तीखे नैन-नक्श वाली राधिका भरेपूरे और आर्थिक रूप से अपने मायके से ज़्यादा संपन्न घर में आकर बहुत खुश थी. लेकिन उन्होंने महसूस किया कि शादी के कुछ महीने बाद से ही उनका वजन आश्च र्यजनक ढंग से बढ़ने लगा.
राधिका कहती है, 'शादी के एक साल के अंदर ही मुझे अचानक एहसास हुआ कि मैं जैसे पहली थी वैसी नहीं रही. मेरी जगह एक मोटी औरत ले रही थी. पहले तो मुझे समझ नहीं आया कि ऐसा क्योंै हो रहा है. अभी तो मेरे बच्चेक भी नहीं थे और मुझे खाने के साथ ज्याझदा परेशानी भी नहीं थी. जब मैंने बैठकर सोचा तो मुझे समझ में आया कि आखिर मैं कैसे मोटी हो रही हूँ. दरअसल मैं शादी से पहले आजाद और मस्तीुखोर लड़की थी, जब मन किया तब खाया, नहीं मन किया तो नहीं खाया, दिन भर ऐसे ही घूमते और मस्ती करते बीतता था, लेकिन शादी के बाद मेरी जिंदगी सोफे के इर्द-गिर्द घूम रही थी, जहां मैं बैठकर यही सोचती थी कि लंच और डिनर में क्याज पकाया जाए जो मेरी ससुराल वालों और पति को खूब पसंद आये. इस चक्कर में मैं सादे खाने की बजाय घी और मसाले वाला रिच खाना भी लगातार बना-खा रही थी. पहले हफ्ते में दो या तीन बार कोई स्वीट डिश चख ली, मगर शादी के बाद हर दिन किसी ना किसी खाने में कोई ना कोई स्वीट डिश बना रही थी. कभी हलवा, कभी खीर, कभी गुलाब जामुन, कभी रबड़ी तो कभी फ्रेंच टोस्ट. और तो और यूट्यूब से भी रेस्पीज देख कर अनेकों नयी नयी डिशेज़ ट्राय कर रहे थी. ये सब सिर्फ पति और सासुमाँ की तारीफ़ पाने और किचेन में अपना वर्चस्व जमाने के लिए था, लेकिन इसका बुरा असर मेरे शरीर पर पड़ने लगा था. कमर कमरा बनने की ओर अग्रसर थी.'