अस्थमा की बीमारी एक सामान्य और लंबे समय तक रहने वाली बीमारी है. वेस्ट इंडिया के लोगों में ये बीमारी हर 10 में से एक व्यक्ति को प्रभावित करती है. एक शोध से पता चला है कि अस्थमा मोटे लोगों को ज्यादा होता है. यदि ठीक से व्यायाम किया जाए और रोज के खाने में प्रोटीन, फलों और सब्जियों का सेवन किया जाए तो अस्थमा के रोगियों की हालत में सुधार लाया जा सकता है.

अस्‍थमा या दमा फेफड़ो को प्रभावित करती है. यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें फेफड़ो तक सही मात्रा में आक्सीजन नहीं पंहुच पाता और सांस लेने में तकलीफ बढ़ जाती है. आस्थमा अटैक कभी भी कहीं भी हो सकता है. आस्थमा अटैक तब होता है जब धूल के कण आक्सीजन ले जाने वाली नलियों को बंद कर देते हैं. आस्थमा के अटैक से बचने के लिए जितनी जल्‍दी हो सके दवाईयों या इन्‍हेलर का प्रयोग किया जाना चाहिए.

दमे के दौरान अपनाएं ये उपाय

दमे के मरीजों को चावल, तिल, शुगर और दही जैसे कफ या बलगम बनाने वाले पदार्थ, तले हुए खाद्य पदार्थ खाने से बचना चाहिए. ताजे फलों का रस दमे को रोगी के लिए बेहद फायदेमंद है. उन्हें हरी सब्जियां और अंकुरित चने जैसे खाद्य पदार्थ भरपूर मात्रा में ले और भूख से कम ही खाना खाये. दिनभर में कम से कम दस गिलास पानी पीये. तेज मसाले, मिर्च अचार, अधिक चाय-काफी के सेवन से बचें. मरीज को रोजाना योगासन और प्राणायाम का अभ्यास करना चाहिए. रोगी को एनीमा देकर उसकी आंतों की सफाई करनी चाहिए.

उपचार

अस्थमा का कोई पुख्ता इलाज तो नहीं है लेकिन दमे के दौरे के दौरान उसे आसानी से सामान्य किया जा सकता है. दमे के मरीज को अनुकूल माहौल देना चाहिए. यदि मरीज को एलर्जी है तो उन चीजों को दूर कर देना चाहिए जिससे एलर्जी है.

अस्थमा के मरीज को धूल, धुएं, गंध और प्रदूषण से खासतौर पर दूर रहना चाहिए.

बदलते मौसम में सावधानी बरते और पालतू जानवरों को मरीज से दूर रखें.

डाक्टर के द्वारा दिये गये निर्देशों का पालन करें अधिक परेशानी होने पर चिकित्‍सक से जल्‍द से जल्‍द संपर्क करें.

डाक्टर की सलाह पर इन्हेलर का प्रयोग करें.

घबराए नही, घबराने से मांस पेशियों पर तनाव बढ़ता है जिससे की सांस लेने में परेशानी बढ़ सकती है.

मुंह से सांस लेते रहें, फिर मुंह बंद करके नाक से सांस लें. धीरे धीरे सांस अन्दर की तरफ लें और फिर बाहर की तरफ छोड़े. सांस अन्दर की तरफ लेने और बाहर की तरफ छोड़ने के बीच में सांस न रोकें.

घरेलू उपचार

दमा का घरेलू उपचार भी मौजूद है. एंटीआक्सीडेंट से भरपूर लहसुन से दमा आसानी से नियंत्रि‍त किया जा सकता है. लहसुन को दूध के साथ मिलाकर पीने या सुबह शाम लहसून की चाय पीने से भी दमा नियंत्रि‍त रहता है.

स्टीम लेने से भी दमा को कंट्रोल किया जा सकता है. पानी को अजवायन में डालकर उबालकर भाप लेने से भी दमे के मरीज को आराम मिलता है.

लौंग मिश्रित गर्म पानी में शहद मिलाकर पीने से भी अस्थमा के दौरान आराम मिलता है.

अदरक, शहद और मेथी को मिलाकर काढ़ा बनाकर पीना भी दमे के मरीजों के लिए फायदेमंद है.गर्म पानी में तुलसी उबालकर देने से भी दमे के मरीजों को आराम मिलता है.

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