हममें से ज्यादातर लोग अपने दिन के ज्यादातर घंटे स्क्रीन के सामने बैठकर बिताते हैं. वो चाहे कंप्यूटर स्क्रीन हो या फिर मोबाइल स्क्रीन. घंटों डिजिटल स्क्रीन के सामने बैठने का सबसे बुरा असर हमारी आंखों पर पड़ता है. जिससे तनाव, अनिद्रा और कई दूसरी बीमारियों के होने की आशंका बढ़ जाती है. आंखों से जुड़ी इस तकलीफ को Digital Eye Strain कहते हैं.
Digital Eye Strain को ही पहले computer vision syndrome के नाम से जाना जाता था. यह बीमारी दिन-प्रतिदिन लोगों में बढ़ती ही जा रही है.
पहले सिर्फ कंप्यूटर पर काम होता था लेकिन अब लैपटॉप, टैबलेट्स, स्मार्ट फोन भी हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुके हैं. इन चीजों के बहुत अधिक इस्तेमाल से Digital Eye Strain की प्रॉब्लम हो जाती है.
इसकी शुरुआत आंखों में हल्के दर्द से हो सकती है. लेकिन समय रहते इलाज नहीं कराया जाए तो भविष्य में आंखों की रोशनी भी जा सकती है.
Digital Eye Strain के शुरुआती लक्षण
आंखों में खिंचाव महसूस होना, आंखों में पानी आना, दर्द होना, धुंधला दिखना, लाला होना, इसके शुरुआती लक्षण हैं. इसके साथ ही सिरदर्द और घबराहट भी हो सकती है. कई बार ये चिड़चिड़ेपन का कारण भी हो सकता है. हो सकता है सुबह उठकर आपको तकलीफ कम हो लेकिन दिन बढ़ने के साथ ही ये तकलीफ बढ़ने लगती है.
रोकथाम और उपचार
1. डिजिटल प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करना हमारी जरूरत बन चुकी है. ऐसे में हमें उनके इस्तेमाल का सही तरीका भी पता होना चाहिए. इन चीजों को आंखों के बहुत पास या दूर रखकर यूज करना खतरनाक हो सकता है.इन चीजों को एक निश्चित दूरी पर रखकर ही इस्तेमाल करना चाहिए.