अपवाद को छोड़ दें तो हर युवक या युवती को अपने पूरे जीवन में दूल्हा या दुलहन बनने का मौका केवल एक बार ही मिलता है. इस मौके पर अधिकांश युवक वरुण धवन या आदित्य धर की तरह स्मार्ट ऐंड यंग और युवतियां यामी गौतम की तरह ब्यूटीफुल दिखना चाहती हैं.

शादी के मौके पर, शादी के आयोजन का सारा जिम्मा तो परिवार वालों का ही होता है. दूल्हादुलहन के जिम्मे तो केवल शादी के समारोह के समय अपने लिए परिधान चुनना, करीबी दोस्तों को इस समारोह में शिरकत के लिए आमंत्रण देना और खुद की फिटनैस की बात सोचना ही होता है.

इस मौके पर ज्यादातर युवकयुवतियां खुद को संवारने के लिए फिटनैस हासिल करने में जुट जाते हैं. फिटनैस हासिल करने के लिए इन दिनों उन्हें जम कर मेहनत करनी होती है.

संतुलित आहार और नियमित व्यायाम

स्वराज की शादी तो तय हो गई है, लेकिन उस की शादी 2 माह बाद होगी. इस अल्पाअवधि में ही स्वराज अपनी काया में ऐसा सुधार चाहता है कि लोग उस की ससुराल वालों को कहें कि लड़का तो आप ने पढ़ालिखा तो चुना ही है, खूबसूरत भी बहुत है.

अपनों और दूसरों से अपने व्यक्तित्व की प्रशंसा पाने के लिए स्वराज ने जिम जौइन कर लिया है. वहां वह जम कर पसीना बहाता है.

स्वराज से यह सवाल करने पर कि अपनी देहकाया संवारने की बात उस ने पहले क्यों नहीं सोची, शादी के समय ही फिट बौडी की याद कैसे आई? जवाब में उस ने कहा, ‘‘मु?ो अपने दोस्त गौतम की शादी की घटना याद है. मेरे दोस्त के फेरों के समय उस की होने वाली पत्नी प्रिया की बहुत सारी सहेलियां फुसफुसा रही थीं कि प्रिया के परिवार वालों ने लड़के का सिर्फ पद और परिवार ही देखा. यह लड़का तो प्रिया का जोड़ीदार कम अंकल ज्यादा दिख रहा है. प्रिया के परिवार वालों ने काश प्रिया के लिए ढंग का लड़का देखा होता. यह जोड़ी तो बिलकुल नहीं जम रही है.

‘‘सो जनाब, मु?ो और मेरी पत्नी को ले कर अगर कोई यह कहे कि यह जोड़ी तो जरा भी नहीं जम रही तो मैं यह बिलकुल नहीं सुनना चाहता. मु?ो पूरा भरोसा है अपनी शादी से पहले फिजिकली में ऐसी फिटनैस पा लूंगा कि लोग कहें कि वाह क्या शानदार जोड़ी है. जितनी सुंदर बेगम उतना ही खूबसूरत बादशाह.’’

केवल युवक ही नहीं, शादी से पूर्व युवतियां भी फिट बौडी पाने के लिए जी तोड़ मेहनत करती हैं.

स्मृति पेशे से ज्वैलरी डिजाइनर है. अपने इस काम की वजह से उसे कई घंटों तक एक ही जगह बैठ कर काम करना पड़ता है, इसलिए वह कुछ ओवर वेट हो गईर् है.

स्मृति सोचती है कि शादी के बाद हनीमून पर निकलने के समय उस के वेट की वजह से कोई उसे अपने पार्टनर की दीदी या आंटी न समझ ले, इसलिए वह अपनी शादी सी पहले नियमित जिम जा रही हैं और इस बात से काफी खुश है कि संतुलित आहार और नियमित व्यायाम की बदौलत अब वह पहले के मुकाबले कमउम्र वाली और ताजा दम भी लग रही है.

जिम जौयन करने की जरूरत क्यों

इस सवाल के जवाब में मधु का कहना है, ‘‘प्रत्येक युवती की बौडी शेप अलगअलग होती है. किसी युवती को अपनी ब्रैस्ट शैप तो किसी को अपनी थाइज और हिप्स को ले कर प्रौब्लम होती है. इस प्रौब्लम का समाधान केवल नियंत्रित आहार, डाइटिंग या खुद अपनी मरजी से ऐक्सरसाइज करने से नहीं हो सकता. मैं जिस जिम में जाती हूं वहां लेडी इंस्ट्रक्टर भी है तो साथ में डाइटिशियन भी. इस्ट्रक्टर की मदद से जहां प्रभावित भाग को संवारने में मदद मिलती है, वहीं डाइटिशियन की मदद से संतुलित व पौष्टिक आहार लेने की गाइडैंस मिलती रहती है.’’

रत्ना के पास जिम जाने, देह संवारने के लिए वक्त नहीं है, सो उस ने अपने घर पर ही ट्रेडमिल मशीन मंगा ली है. ट्रेडमिल मशीन के माध्यम से वह अपने घर पर ही लंबी सैर का लाभ लेने की कोशिश में लगी रहती है.

विवाहपूर्व संवरने का लाभ आज भी है

विवाहपूर्व संवरने का लाभ शादी के मौके पर तो मिलता ही है, 10-20 साल बाद जब आप अपनी शादी का वीडियो देखते हैं तो एक सुखद एहसास भी होता है. तब मर्द सोचता है कि कितना स्मार्ट था वह उन दिनों. तब कितने घने बाल थे सिर पर. तब न तो वह तोंदियल था और न ही आंखों पर आज की तरह मोटा चश्मा चढ़ा था.

महिलाएं सोचती हैं कैसी सुकुमारी सी थी वह तब. जो देखता था बस देखता ही रह जाता था. इसीलिए व्यायाम की आदत हमारे जीवन का अनिवार्य हिस्सा होनी ही चाहिए. किसी कारणवश पहले भी शादी के समय यह आदत जरूर बना लेनी चाहिए और शादी के बाद उन्हें अपने से छोटे भाईबहनों को फिटनैस के गुण समझते हुए, ऐक्सरसाइज करने के लिए उत्साहित करते रहना चाहिए ताकि शादी के समय उन्हें  फिटनैस के लिए अधिक मेहनत करने की जरूरत ही न पड़े.

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