अनु मुकीम ने शौकशौक में जिम शुरू किया था. अब यह शौक अच्छेखासे व्यवसाय में तबदील हो गया है. अनु ने यह साबित कर दिखाया है कि एक घरेलू महिला चाहे तो क्या नहीं कर सकती. बड़े पैमाने पर न सही, छोटे स्तर पर भी अपने ही घर से इस काम की शुरुआत की जा सकती है.

दिल्ली में जिम चला रहीं अनु मुकीम इस बात की हिमायती हैं कि फिट रहने के लिए जहां अच्छे माहौल और स्वस्थ वातावरण की जरूरत होती है, वहीं अपनेआप को चुस्तदुरुस्त रखने के लिए जिम में कुछ समय बिताना भी बेहद जरूरी है.

‘‘एक महिला स्वस्थ होगी तो पूरा परिवार सेहतमंद रहेगा,’’ कहना है अनु मुकीम का.

अनु कहती हैं, ‘‘मुझे कालेज के समय से ही ऐथलीट बनने का शौक था. मेरे अंदर स्वास्थ्य के प्रति एक चेतना थी और मन में यह इरादा था कि जीवन में जब भी अवसर मिला तो मैं अपने आसपास ऐसा खुशनुमा माहौल जरूर देने की कोशिश करूंगी, जिस से लोग स्वस्थ और फिट रहें. इस के लिए जिम से बेहतर और क्या हो सकता था.’’

शादी के बाद अनु मुकीम ने अपने पति संजय मुकीम के सहयोग से जिम की शुरुआत की. जिम में सभी प्रकार के वेट्स, कार्डियो टे्रड मिल, साइकिल्स, चौगर, वाकिंग साइकिल, बौल्स उपलब्ध कराए जाते हैं. यहां वर्कआउट करने 100 से भी अधिक महिलाएं आती हैं. यह सब यहां प्रशिक्षित टे्रनर की देखरेख में ही करवाया जाता है. सुबह 7 बजे से रात 9.30 बजे तक जिम में कामकाजी व गैरकामकाजी सभी प्रकार की महिलाएं आती हैं.

ड्राई जिम की सभी सुविधाओं से लैस इस जिम में वर्कआउट करने के लिए आने वाली मैडम साहा बताती हैं, ‘‘इस जिम की सब से अच्छी बात, जिस से मैं ज्यादा प्रभावित हुई, वह थी इस जिम की साफसफाई. खुलाखुला वातावरण. यहां आ कर वर्कआउट करना बेहद अच्छा लगता है. यही नहीं, कुछ ही महीनों में मैं ने अपना वजन भी कम किया है और अब तो मेरे पति भी इस बात का ध्यान रखते हैं कि मैं रोजाना जिम जाऊं, कहीं मिस न कर दूं. वे तो मुझे खुद छोड़ने भी आते हैं. आखिर मुझ में आए इस बदलाव से वे खुश जो हैं.’’

प्रत्येक वर्ग के लिए इस जिम का मुख्य आकर्षण है स्टैबिलिटी बौल यानी स्विस बौल द्वारा मांसपेशियों को टोनअप करना. पीठ, कंधों और पेट के निचले भाग की मांसपेशियों के लचीलेपन को ठीक रखने में सहायक यह बौल 4 साइजों में होती है.

बच्चों के लिए 45 सैंटीमीटर की और वयस्कों के लिए 55, 65 या 75 सैंटीमीटर तक की बौल ठीक रहती है. यदि आप की कदकाठी बहुत ज्यादा है तो 75 सैंटीमीटर की बौल उपयुक्त रहती है. यह जांचने के लिए कि यह बौल और इस का आकार सही है, उस पर बैठ कर देखा जाता है.

आकर्षित करने में कामयाब

बौल पर संतुलन बनाना चुनौती भरा और कठिन काम है. पेट के बल बौल पर झुक कर कसरत करना भी पेट, कूल्हे और छाती के लिए बेहद लाभकारी है. बौल पर सभी क्रियाएं एक प्रशिक्षित टे्रनर की सहायता से ही की जाती हैं.

सिविल लाइन्स में भले ही संभ्रांत परिवारों और पढ़ेलिखे लोगों की आबादी है, पर इस अनुपात को देखते हुए यहां ऐसे जिम नाममात्र के हैं. अनु मुकीम का जिम स्वास्थ्य प्रेमियों को अपनी ओर आकर्षित करने में कामयाब रहा है. एक कुशल व्यवसायी की पत्नी होने के कारण अनु के लिए धन की कमी न थी. बस एक शौक था कि समाज में कोई अच्छा काम किया जाए.

ऐक्सरसाइज के साथसाथ खानपान पर भी ध्यान देने की सलाह दी जाती है. हरी सब्जियों, सलाद, फलों पर जोर दिया जाता है. फास्ट फूड, जंक फूड से परहेज करने को कहा जाता है.

शौक बना व्यवसाय

अनु ने बताया कि उन्होंने कपल्स के लिए विशेष स्कीमें रखी हैं ताकि लोगों में जिम के प्रति रुचि बढ़े. वे कहती हैं, ‘‘शुरूशुरू में लगा था कि मुझ जैसी घरेलू महिला एक जिम क्या चला पाएगी. लेकिन यदि मन में चाह हो तो राह भी बन ही जाती है. घर वालों का साथ हो तो मंजिल ज्यादा आसान हो जाती है. अब तो मेरा यह शौक व्यवसाय बन गया है.

‘‘कोशिश है आने वाले समय में अपने ग्राहकों को अधिक से अधिक सुविधाएं मुहैया करवाऊं. लेकिन उस से ज्यादा जरूरी है, जो मौजूद है उसे ही परफैक्ट बनाया जाए.’’

अनु मुकीम की सफलता को देखते हुए कहा जा सकता है कि खजाना कहीं और नहीं है, वह आप के घर में ही छिपा हुआ है. घर में पर्याप्त जगह, लागत के लिए पैसा, पक्का इरादा, लगन और मेहनत करने का माद्दा हो तो खोलिए एक जिम और फिर कहिए, खुल जा सिमसिम.

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