हैल्थ इज वैल्थ, यह कथन बिलकुल सही है. एक स्वस्थ व्यक्ति ही जीवन को भरपूर जी सकता है. घूमनाफिरना, खानापीना, सामाजिक संबंधों को निभाना, व्यक्तिगत जीवन की उन्नति सबकुछ स्वास्थ्य पर ही निर्भर है. स्वस्थ व्यक्ति ऊर्जावान होता है. वह अपनी शक्ति का प्रयोग जीवन के किसी भी क्षेत्र में कर सकता है.
शारीरिक स्वास्थ्य न केवल बाहरी जगत के संबंधों को अच्छा बनाता है बल्कि आत्मिक उन्नति में भी सहायक होता है. बौडी के हैल्दी होने से दिमाग भी हैल्दी रहता है. एक बीमार व्यक्ति कभी भी मानसिक रूप से विकसित नहीं हो सकता क्योंकि उस की शारीरिक बीमारियों का असर उस के मस्तिष्क पर लगातार पड़ता रहता है.
किसी भी व्यक्ति के जीवन का उद्देश्य होता है कि वह अपनी रुचि के अनुसार जीवन की ऊंचाइयों को छू ले पर यह तभी संभव है जब वह शारीरिक और मानसिक रूप से पूर्ण स्वस्थ हो तो क्या संपूर्ण स्वास्थ्य हम प्राप्त कर सकते हैं? आइए जानते हैं.
हम में से प्रत्येक व्यक्ति चाहे वह किसी भी आयुवर्ग का हो को शरीर के प्रति सजग होना चाहिए. बचपन से ही हमें शारीरिक व्यायाम, सैर करना, टहलना, आउटडोर गेम खेलना, पैदल चलना, अपने काम स्वयं करना जैसी आदतें जीवनशैली का हिस्सा बनानी चाहिए. यदि जीवन के आरंभिक काल से ही शरीर के स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाए तो स्वास्थ्य बेहतर बन सकता है.
हैल्दी फूड
शारीरिक स्वास्थ्य का दूसरा मुख्य पहलू है हमारा भोजन क्योंकि शरीर को ऊर्जा प्रदान करना इसी का कार्य है. संतुलित भोजन खाने की आदत भी बचपन से ही डाली जानी चाहिए. हमें अपनी थाली में सभी रंगों को शामिल करना चाहिए. उदाहरण के लिए एक पौष्टिक थाली में हरा, सफेद, लाल, पीला सभी रंग होने चाहिए. हरे रंग का मतलब सलाद, हरी सब्जियां, सफेद यानी दही, चावल, चपाती, लाल यानी टमाटर, गाजर, पीला यानी दालें.