उम्र का एक ऐसा पड़ाव आता है जब महिलाएं प्रजनन की उम्र को पार कर रजोनिवृत्ति की ओर कदम बढ़ाती हैं. यह उम्र का नाजुक दौर होता है, जब शरीर कई बदलावों से गुजरता है. इस में ऐस्ट्रोजन हारमोन का लैवल कम होने से हड्डियों की कमजोरी, टेस्टोस्टेरौन हारमोन के कम होने के कारण मांसपेशियों की कमजोरी तथा वजन बढ़ने से मधुमेह व उच्च रक्तचाप होने की संभावना बढ़ जाती है.

ऐसे में चालीस पार महिलाएं कैसे अपने शरीर का ध्यान रखें? अपनी नियमित दिनचर्या में क्या बदलाव लाएं ताकि स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकें? ऐसे ही और कई प्रश्नों के उत्तरों के लिए स्त्रीरोग विशेषज्ञ डा. निर्मला से मुलाकात की:

40+ की उम्र में महिलाओं के अंदर क्या क्या बदलाव आते हैं?

40+ उम्र में शारीरिक बदलाव में प्रमुख है वजन का बढ़ना. महिलाओं के कूल्हों, जांघों के ऊपरी हिस्सों और पेट के आसपास चरबी जमा होने लगती है. वजन बढ़ने के कारण उच्च रक्तचाप व मधुमेह का खतरा भी बढ़ जाता है. इस के अलावा ऐस्ट्रोजन हारमोन का लैवल घटने से हड्डियां कमजोर होने लगती हैं, जिस से बचाव के लिए स्वस्थ आहार (कम कैलोरी का भोजन, प्रोटीन भोजन में शामिल करना, फल, सब्जियां, अंकुरित व साबूत अनाज) अपनाना चाहिए.

वजन पर नियंत्रण रखने के लिए कम से कम 30 मिनट तक नियमित व्यायाम जरूर करना चाहिए. व्यायाम कार्डियो ऐक्सरसाइज, ऐरोबिक्स आदि रूप में हो सकता है. टेस्टोस्टेरौन हारमोन स्राव की कमी मांसपेशियों पर असर डालती है, जिस के कारण फ्रोजन शोल्डर (कंधों में तेज दर्द होना व जाम की स्थिति) की परेशानी भी हो सकती है.

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