जोड़ों का दर्द सामान्य भी होता है तो गंभीर भी. सामान्य दर्द को तो आप खानपान और जीवनशैली में बदलाव ला कर ठीक कर सकते हैं, लेकिन गंभीर दर्द के लिए उपचार की जरूरत होती है. एक अनुमान के अनुसार हर 4 व्यक्तियों में से 1 जोड़ों के दर्द से परेशान है. यह समस्या पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ज्यादा होती है.
क्यों होता है जोड़ों का दर्द
जोड़ों में दर्द होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे बोन फ्लूइड (हड्डी द्रव) या मैम्ब्रेन में परिवर्तन आना, चोट लगना या अंदर किसी बीमारी का पनपना, हड्डियों का कैंसर, आर्थ्राइटिस, मोटापा, ब्लड कैंसर, उम्र बढ़ने के साथ जोड़ों के बीच के कार्टिलेज कुशन को लचीला और चिकना बनाए रखने वाला लूब्रिकैंट कम होना, लिगामैंट्स की लंबाई और लचीलापन कम होना.
जोड़ों को कैसे रखें स्वस्थ
जोड़ों के दर्द खासकर आर्थ्राइटिस का कोई उपचार नहीं है, लेकिन कुछ उपाय हैं, जिन्हें अपना कर इस की चपेट में आने से बचा जा सकता है या इस की चपेट में आने पर लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है:
जोड़ों में मौजूद कार्टिलेज को आर्थ्राइटिस के कारण नुकसान पहुंचता है. यह 70% पानी से बना होता है, इसलिए ढेर सारा पानी पीएं.
कैल्सियम युक्त खाद्यपदार्थों जैसे दूध, दूध से बनी चीजों, ब्रोकली, सालमन, पालक, राजमा, मूंगफली, बादाम, टोफू आदि का सेवन करें.
विटामिन सी और डी स्वस्थ जोड़ों के लिए बहुत उपयोगी हैं. इसलिए इन से भरपूर खाद्यपदार्थों जैसे स्ट्राबैरी, संतरा, किवी, पाइनऐप्पल, फूलगोभी, ब्रोकली, पत्तागोभी, दूध, दही, मछली आदि का पर्याप्त सेवन करें.
सूर्य के प्रकाश में भी कुछ समय बिताएं. इस से विटामिन डी मिलेगा.
वजन को नियंत्रण में रखें. वजन अधिक होने से जोड़ों पर दबाव पड़ता है.
नियमित ऐक्सरसाइज करें, जो जोड़ों की जकड़न कम करने में सहायता करती है. लेकिन ऐसे व्यायाम करने से बचें, जिन से जोड़ों पर ज्यादा दबाव पड़ता है.
शराब और धूम्रपान का सेवन जोड़ों को नुकसान पहुंचाता है. आर्थ्राइटिस से पीडि़त अगर इन का सेवन बंद कर दें तो उन के जोड़ों और मांसपेशियों में सुधार आ जाता है और दर्द में भी कमी होती है.
स्वस्थ लोग भी धूम्रपान न करें, क्योंकि यह आप को रूमैटौइड आर्थ्राइटिस का शिकार बना सकता है.
फल और सब्जियों का सेवन अधिक मात्रा में करें. इस से औस्टियोआर्थ्राइटिस से बचाव होगा.
अदरक और हलदी का सेवन करें. ये जोड़ों की सूजन को कम करते हैं.
आरामतलबी की जिंदगी न जीएं.
सूजन बढ़ाने वाले पदार्थों जैसे नमक, चीनी, अलकोहल, कैफीन, तेल, ट्रांस फैट और लाल मांस का सेवन कम करें.
पैदल चलना, जौगिंग करना, डांस करना, जिम जाना, सीढि़यां चढ़ना या हलकेफुलके व्यायाम कर के भी हड्डियों को मजबूत कर सकते हैं.
र्दी के मौसम में रखें विशेष ध्यान
सर्दी के मौसम में जोड़ों का दर्द अधिक सताता है, क्योंकि इस मौसम में लोग आराम अधिक करते हैं. इस से शारीरिक सक्रियता कम हो जाती है. दिन छोटे और रातें बड़ी होने से जीवनशैली बदल जाती है, खानपान की आदतें भी बदल जाती हैं. लोग व्यायाम करने से कतराते हैं, जिस से यह समस्या और गंभीर हो जाती है. अत: निम्न बातों का ध्यान रखें:
नियमित व्यायाम करें. शारीरिक रूप से सक्रिय रहें.
बाहर तापमान अत्यधिक कम हो तो बाहर टहलने और अन्य गतिविधियों से बचें.
शरीर को हमेशा गरम कपड़ों से ढक कर रखें.
पानी कम न पीएं. प्रतिदिन 8-10 गिलास पानी जरूर पीएं.
ठंड से खुद को बचा कर रखें. जिस हिस्से में दर्द हो उसे गरम कपड़े में लपेट कर रखें.
ठंडी चीजें खाने के बजाय गरम चीजों का सेवन अधिक करें. लहसुन, प्याज, सालमन मछली, गुड़, बादाम, काजू आदि का अधिक सेवन करें.
नियमित ऐक्सरसाइज करें. इस से मांसपेशियों को खुलने में मदद मिलेगी और जोड़ों की अकड़न से राहत मिलेगी. हां, ऐक्सरसाइज करने में जल्दबाजी न करें.
करयुक्त आटे की रोटी और मूंग की दाल का सेवन करें. हरी सब्जियों कद्दू, लौकी, घिया, ककड़ी, पत्तागोभी, फूलगोभी, गाजर आदि का सेवन करें. ब्रोकली का उपयोग अधिक से अधिक करें. यह आर्थ्राइटिस को बढ़ने नहीं देती.
अगर दवा लेते हों तो नियमित समय पर लेते रहें.
अगर जोड़ों के दर्द के साथ निम्न समस्याएं हों तो तुरंत डाक्टर को दिखाएं: सूजन, लालपन, जोड़ों का उपयोग करते समय समस्या हो, अत्यधिक दर्द आदि.
– डा. निराद वेंगसरकार
और्थोपैडिक्स जौइंट रिप्लेसमैंट सर्जन,लीलावती अस्पताल, मुंबई.