लगभग हर आदमी को अपने जीवन में कभी न कभी कमर दर्द का अनुभव अवश्य होता है. आज कमर दर्द बहुत बड़ी समस्या बन गया है. हर उम्र के लोग इस से परेशान हैं और दुनिया भर में इस के सरल इलाज की खोज जारी है.

मनुष्य के शरीर में कमर को सब से मजबूत भाग माना जाता है. कमर की बनावट में हड्डियां, कार्टिलेज (डिस्क), जोड़, मांसपेशियां, लिगामैंट व नसें आदि शमिल हैं. इन में से किसी के भी विकारग्रस्त होने पर कमर दर्द उत्पन्न हो सकता है. मैकैनिकल कारणों के साथ टीबी से ले कर कैंसर तक कोई भी कारण दर्द पैदा कर सकता है. कमर दर्द का शिकार पुरुषों से अधिक महिलाएं होती हैं, जिस का मुख्य कारण होता है कमर की मांसपेशियों की कमजोरी. इस का दूसरा कारण है कमर की हडिडयों के जोड़ों में विकार होना.

कमर दर्द से जुड़ी बीमारियों के लक्षण

पैरों का सुन्न होना, कमजोरी का एहसास होना, पेशाब में परेशानी, चलने पर पैरों के दर्द का बढ़ना, झुकने या खांसने पर पूरे पैर में करंट जैसा लगना आदि. कई बार रोगी की चाल शराबीयों जैसी लड़खड़ाती है.

कमर दर्द के ये सभी कारण कई रीढ़ संबंधी बीमारियों को जन्म देते हैं जैसे स्पौंडिलाइटिस, सर्वाइकल, कमर में ट्यूमर, स्लिप्ड डिस्क आदि. इन में स्लिप्ड डिस्क एक बहुत ही गंभीर समस्या बन गई है.

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नई दिल्ली स्थित फोर्टिस हौस्पिटल के वरिष्ठ कंसल्टैंट डा. प्रदीप मुले का कहना है कि आज पूरी दुनिया में कमर दर्द का सब से बड़ा कारण है स्लिप्ड डिस्क. आखिर यह स्लिप्ड डिस्क क्या होता है? दरअसल, स्लिप्ड डिस्क एक ऐसी बीमारी है, जिसे समझने के लिए रीढ़ की बनावट के बारे में जानना जरूरी है.

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