मसूड़ों में सूजन, उन का कमजोर पड़ना, ब्रश करने के बाद खून आना और मुंह से लगातार दुर्गंध आना, ये सभी मसूड़ों की समस्या के लक्षण हैं. इन से शुरुआती चरण में नजात पाना आसान है, लेकिन शुरू से अगर इलाज नहीं कराया जाता तो दुष्परिणाम दांत टूटने और कई रोगों के रूप में सामने आ सकता है.
मसूड़ों में सूजन या खून आने जैसे किसी भी लक्षण को हलके में नहीं लेना चाहिए. ये लक्षण मसूड़ों को नुकसान से बचाने के लिए उपाय करने का संकेत दे रहे होते हैं. यदि इन की अनदेखी की गई तो स्थिति बिगड़ कर पेरियोडोंटाइटिस (मसूड़ों और दांतों की हड्डियों के रोग) तक बढ़ सकती है. यह रोग मसूड़ों की गंभीर तकलीफ से जुड़ा होता है जिस से मसूड़े कमजोर पड़ने लगते हैं और दांतों की जड़ों तक बैक्टीरिया का हमला बढ़ जाता है. मसूड़ों के
टिशू जब क्षतिग्रस्त होने लगते हैं तो दांतों को मजबूती देने में असमर्थ हो जाते हैं. तब दांत टूटने लग जाते हैं. यानी इस का अंतिम दुष्परिणाम दांतों के कमजोर हो कर टूटने के रूप में ही सामने आता है.
कई लोगों को पता नहीं होता कि मसूड़े के रोग से न सिर्फ दांतों को नुकसान पहुंचता है बल्कि इस से कई अन्य गंभीर स्वास्थ्य परेशानियां भी खड़ी हो सकती हैं. मसूड़ों की समस्या के नाम से जाना जाने वाला पेरियोडोंटल रोग कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है. लिहाजा मसूड़ों की समस्या से संबंधित किसी भी लक्षण की अनदेखी नहीं होनी चाहिए.
कार्डियोवैस्क्युलर रोग
शोध बताते हैं कि पेरियोडोंटल रोग के कारण कार्डियोवैस्क्युलर रोग का खतरा भी बढ़ सकता है. पेरियोडोंटल तथा कार्डियोवैस्क्युलर रोग दोनों में गंभीर सूजन आ जाती है, इसलिए शोधकर्ताओं का मानना है कि सूजन से इन दोनों का ताल्लुक हो सकता है.
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