अकसर देखा गया है कि फिट रहने के लिए लोग महंगे संसाधनों का प्रयोग करते हैं. जैसे जिम जाना, लंबेचौड़े डाइट प्लान अपनाना, प्रोटीन सप्लीमैंट्स लेना इत्यादि. इस के बावजूद भी न तो वे फिटनैस बरकरार रख पाते हैं और न ही निरोग रहने का आनंद उठा पाते हैं. दरअसल, यदि हम अपने रोजमर्रा के खाने पर ध्यान दें तो पता चलेगा कि सेहत का राज तो आसानी से उपलब्ध खाद्यपदार्थों में ही छिपा है, जैसे कि इन सब्जियों को ही ले लें:
बींस और अन्य फलीदार सब्जियां
इन में भरपूर फाइबर होते हैं और ऐंटीऔक्सीडैंट, प्रोटीन, आयरन, मैग्नीशियम, पोटैशियम, कौपर, जिंक और विटामिन बी, सी भी पाए जाते हैं. इन के घुलनशील फाइबर कोरोनरी हार्ट डिजीज का खतरा कम करते हैं. इन से डायबिटीज की आशंका घटाती है और इन में मौजूद कुछ खास तत्त्व आंतों के कैंसर से बचाते हैं. इन में कैलोरी काफी कम होती है, इसलिए ये मोटापा कम करने में भी सहायक हैं. हरी और पीली बींस में विटामिन के होता है जो हड्डियों को स्वस्थ रखता है. काली बींस में फोलेट होता है जो गर्भ में बच्चे के विकास में अहम भूमिका निभाता है.
चुकंदर
इस में आयरन, विटामिन और मिनरल्स भरपूर होते हैं. हाई ब्लडप्रैशर पर काबू पाने के लिए चुकंदर बहुत काम की चीज है. यह खून को साफ करता है और हीमोग्लोबिन बढ़ाता है. कब्जनाशक है और त्वचा के लिए भी बढि़या है. चुकंदर डला हुआ उबला पानी पीना मुंहासों का नाश करता है. पीलिया, हेपेटाइटिस में भी इस का रस कमाल करता है. इस के रस में नाइट्रेट होता है, जो रक्त के दबाव को कम करता है यानी दिल की बीमारी में भी यह फायदेमंद है.
शिमलामिर्च
विटामिन ए, ई, बी और सी से भरपूर मगर कैलोरी में कम यानी सख्त रोग प्रतिरोधी. आंखों, बालों, त्वचा और दिल के लिए बढि़या. मोटापे को रोके, कैंसर की भी विरोधी. इस में कैप्सेइसिन तत्त्व होता है, जिस के बारे में कहा जाता है कि यह खराब कोलैस्ट्रौल को कम करता है. डायबिटीज को काबू में रखता है और दर्दनाशक भी है. इस का सल्फर कई तरह के कैंसर से बचाव करता है.
ब्रोकली
लोहा, विटामिन ए और सी, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, कैल्सियम, क्रोमियम, ऐंटीऔक्सीडैंट और फाइटोकैमिल्स जैसी चीजें एकसाथ होने से यह बड़े काम की चीज है. खून की कमी दूर करती है, कामशक्ति बढ़ाती है, आंखों के लिए बढि़या है और बढ़ती उम्र से भी लड़ती है.
पत्तागोभी
विटामिनों से भरपूर. पेट के लिए बढि़या. इस में विटामिन सी, ए, ई और बी होते हैं. कैलोरी कम होती है. एक खास तरह का रसायन भी इस में होता है, जो कोशिकाओं का संवर्धन करता है. यह ऐंटीऔक्सीडैंट का भंडार होती है और मोतियाबिंद व कैंसर की दुश्मन कहलाती है.
गाजर
गाजर में विटामिन ए और बीटा कैरोटिन होने से यह आंखों के लिए बहुत बढि़या है. बीटा कैरोटिन कोशिकाओं को बूढ़ा होने से भी बचाते हैं. विशेषज्ञों ने इस में फालकैरिनोल और फालकैरिंडिओ नाम के तत्त्व पाए हैं जो फेफड़ों, स्तन और आंतों के कैंसर से विशेष रूप से लड़ते हैं. इस का विटामिन ए और ऐंटीऔक्सीडैंट स्वस्थ त्वचा, बालों और नाखूनों का भी मित्र है. गाजर को कच्चा, उबाल कर या कुचल कर घावों पर भी लगाया जाता है क्योंकि इस में ऐंटीसैप्टिक तत्त्व भी हैं. गाजर खून को साफ करती है और दिल के रोग को पास नहीं आने देती. दांत और मसूड़े भी स्वस्थ रहते हैं.
फूलगोभी
फूलगोभी विटामिन सी और मैग्नीशियम के लिए जानी जाती है और ये दोनों ही ऐंटीऔक्सीडैंट के गुण रखते हैं. फूलगोभी में अनेक फाइटोन्यूट्रिएंट होते हैं. ये सारे तत्त्व मिल कर दिल की बीमारियों, इन्फैक्शन और लगभग सभी प्रकार के कैंसर से लड़ते हैं. इस में ओमेगा-3 फैट्स और विटामिन के भी है. आर्थ्राइटिस, डायबिटीज, अल्सर और मोटापे के खिलाफ काम करते हैं. इस में एक फाइटोन्यूट्रिएंट ग्लूकोसीनोलेट होता है, जो लिवर का बढि़या मित्र है यानी फूलगोभी जहरीले तत्त्वों से शरीर की रक्षा करती है. ग्लूकोसीनोलेट का ही दूसरा रूप ग्लूकोरेफेनिन भी इस में है, जो पेट में कैंसर, अल्सर पैदा करने वाले बैक्टीरिया को मारता है. इस में मौजूद पोटैशियम हाइपरटैंशन को भी कम करता है. इस में न कोलैस्ट्रौल होते हैं और न संतृप्त वसा, इसलिए वजन कम करने में भी मददगार है.
लहसुन
लहसुन गजब का ऐंटीऔक्सीडैंट और ऐंटीबायोटिक है. इस का ऐलिसिन नाम का तत्त्व न केवल बाल झड़ने से रोकता है, बल्कि चेहरे के दागधब्बों, मुंहासों व त्वचा की जलन को भी मिटाता है. लहसुन के ऐंटीऔक्सीडैंट रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं और जुकाम आदि को पास नहीं फटकने देते. यह कैंसर का विरोधी और दिल का दोस्त है. विशेषज्ञों ने वजन घटाने में भी इसे कारगर पाया है. इस का ऐंटीफंगल गुण हाथपैरों के फंगस इन्फैक्शन को दूर करता है. यह कोलैस्ट्रौल और ब्लडप्रैशर को कम करता है, कामोत्तेजना बढ़ाता है.