चीन के वुहान शहर से फैली कोरोना नाम की बीमारी अब भारत के साथ अन्य कई देशों में अपने पैर पसार चुका हैं. यह इतना खतरनाक संक्रामण है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से पहुंच जाता है. कोरोना संक्रामण से बचाव के लिए सब से जरूरी है हाथों को साफ से धोया जाए. हालांकि लोग हाथ को धोने में अक्सर लापरवाही दिखाते है. कई लोगों के लिए हाथ धोने का मतलब पानी और साबुन को बहा देना है. यानी अधिकतर लोगों को हाथ धोने का सही तरीका ही नहीं मालूम. जिस वजह से लोगों में संक्रामण और तरह तरह की बीमारियां तेजी से फैल रही हैं.

मेडिकल साइंस सालों से मानते आ रहे हैं कि बीमारी से बचने के लिए हाथ धोने की प्रक्रिया सब से जरूरी है. एक शोध के अनुसार हमारे देश में 40 प्रतिशत लोग खाना खाने से पहले हाथ नहीं धोते. यदि हम हाथ धोने की प्रक्रिया को पूरी ईमानदारी से निभाए तो हम कई बीमारियों से खुद को बचा सकते हैं. किसी भी बीमारी से लड़ने के लिए हाथ धोना सब से पहला हथियार है.

क्यों जरूरी है हाथ धोना

हम दिन भर में जो भी काम करते हैं उस में हमारे हाथ का अहम रोल होता है. ऐसे में हाथों में किटाणुओं का होना आम बात है. हम जब भी सार्वजनिक जगहों पर जाते है हम लिफ्ट का इस्तेमाल करते है, बटन को छूते है, मेट्रो में हैंडल, औफिस के दरवाजों को छूना, नल की टोंटी, रेलिंग आदि को छूते हुए गुजरते है. जिस से हमारे हाथ संक्रमित हो जाते है. यदि हम अपने संक्रमित हाथों को बिना धोए खाना खाते है, किसी से हाथ मिलाते है, घर में बच्चों के साथ खेलते है या फिर अपने संक्रामण हाथों से उन्हें कुछ खिलाते है. ऐसे में आपके हाथों में जमा किटाणु रोगाणु बन कर आप के परिजनों तक आसानी से पहुंच जाता है.

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कोरोना जैसे खतरनाक बीमारी से बचने के लिए अमेरिका में डाक्टरों ने “डोंट टच योर फेस” अभियान चलाया था. इस अभियान के द्वारा डाक्टरों का कहना था कोविड-19 के संक्रामण से बचने के लिए सबसे आसान तरीका है हम अपने चेहरे को कम से कम छूएं. अगर हम अपने चेहरेको बारबार छूने की आदत से परहेज कर लें तो कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलने की संभावना कम हो सकती हैं. एक रिसर्च के अनुसार यह पता चला है कि हम इंसान एक घंटे में लगभग 23 बार अपने चेहरे को छूते है.

इसके लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन डबल्यूएचओ और रोग नियंत्रण एवं निवारण केंद्र सीडीसी ने कई एडवायजरी कर लोगों को कोरोना वायरस संक्रमण से बचने के लिए आवश्यक सावधानियां बरतने की सलाह दी है. इन में हाथ धोना, मास्क पहनना, सोशल डिस्टैंसिंग प्रमुख है. इसके साथ ही चेहरे, आंख, नाक और मुंह को हाथ से न छूने की भी सलाह दी गई है.

इस पर आयुस्पाइन अस्पताल दिल्ली के सीनियर फिजियोथेरेपिस्ट डाक्टर “सत्यम भास्कर” से बातचीत पर उन्होंनें बताया हाथ कैसे धोना चाहिए और कितनी देर तक धोना चाहिए.

सैनिटाइजर से ज्यादा बेहतर है कि आप साबुन से हाथ धोएं. क्योंकि मार्केट में जरूरी नहीं सभी सैनिटाइजर अल्कोहल बैस्ड हो. बच्चे हो या बढ़े सभी को कम से कम 20 सेकेंड तक हाथ धोना चाहिए. हालांकि आप हाथ धोने के सही प्रक्रिया को अपनाएंगे तो आपके हाथ अच्छे से साफ हो जाएगा और आप को 20 सेकेंड गिनने कि जरूरत भी नहीं पड़ेगी.

हाथ धोने के लिए यह 7 स्टेप है जरूरी:

हाथों को किटाणुओं से दूर रखने के लिए इन 7 स्टेप को जरूर फॉलो करें:

स्टेप 1: हाथ धोने के लिए जीवाणुरोधी साबुन का ही इस्तेमाल करें. सब से पहले हाथ को पनि से गीला करें और पर्याप्त साबुन का उपयोग करें.

स्टेप 2: दोनों हाथों कि हथेलियों को अच्छे से रगड़ें.

स्टेप 3: अब हाथ को उलटे साइड से भी साफ करें.

स्टेप 4: अपनी उंगलियों को दूसरी हाथ कि उंगलियों से मिला कर साफ करें.

स्टेप 5: अब अपने नाखूनों को अच्छी तरह से साफ करें.

स्टेप 6: अपने अंगूठे और अपनी कलाई को अच्छे से रगड़ें.

स्टेप 7: अब पानी से हाथों को अच्छी तरह से धोएं.

अगर आप बाहर है जहां आप हाथ धोने के लिए साबुन या पानी का इस्तेमाल नहीं कर सकते. ऐसे में आप अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइजर्स का इस्तेमाल कर सकते हैं. हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करते समय यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस में 60 प्रतिशत अल्कोहल हो. तभी यह आप के लिए लाभकारी साबित होगा.

बच्चों को ऐसे सिखाएं हाथ धोना

बच्चों का इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर होता है जिस वजह से उन्हें संक्रामण जल्दी फैलता है. क्या अपने सोचा है बच्चे जल्दी जल्दी बीमार कैसे पड़ते है? दरअसल, बच्चों के गंदे हाथ उनके शरीर में संक्रमण फैलाने के लिए जिम्मेदार होते हैं. अगर बच्चे का हाथ साफ नहीं है तो वह उन्हीं गंदे हाथों से खाना भी खाएगा और उसे आंख और मुंह में भी लगाएगा. बच्चों का हाथ धोना कब जरूरी होता है, इस बात की जानकारी सभी पैरेंट्स को होनी चाहिए. हाथ धोना कितना जरूरी है बच्चों को बताना बहुत जरूरी है. अगर बच्चों को समय रहते ये सिखा दिया जाए कि कौन सी चीजें गंदी होती हैं और उन्हें छूने के बाद हाथ धोना जरूरी होता है, तो बच्चे बीमारियों और वायरल इंफेक्शन से आसानी से बच सकेंगे.

सीडीसी के रिपोर्ट के अनुसार 5 साल से कम उम्र के बच्चे हर साल डायरिया और निमोनिया का शिकार होते है. डायरिया गंदगी से फैलने वाली बीमारी है. ऐसे में घर के साफ सफाई के साथ खुद को भी साफ रखना बहुत जरूरी है.

कब कब बच्चों को हाथ धोना चाहिए:

वाशरूम का इस्तेमाल करने के बाद.

छिकते, खांसते या नाक में उंगली डालने के बाद.

खाना खाने से पहले और बाद में हाथ धोना जरूरी है.

खेलने के बाद.

दूसरों से हाथ मिलाने के बाद.

पैसो को छूने के बाद.

जूते चप्पल को छूने के बाद.

क्लास में किसी दूसरे का समान इस्तेमाल करने के बाद.

किसी भी तरह के घाव या चोट या घाव को छूने के बाद.

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 ऐसे सिखाएं अपने बच्चों को हाथ धोना:

बच्चों को हाथ धोना सीखाने के लिए पहले उन्हें अंग्रेजी के यह 6 अक्षर SUMANK याद करवाएं. अब उन्हें इसका अर्थ बताइए:

S: एस का मतलब है सीधा. यानी पहले हाथ को सीधे तरफ से साफ करें.

U: यू का मतलब है उल्टा. अब हाथ को उल्टे तरफ से साफ करना है.

M: एम से मतलब है मुट्ठी. यानी दोनों हाथों को जोड़ कर मुट्ठी बना कर रगड़े.

A: ए से मतलब है अंगूठा. अंगूठा को साफ करें.

N: एन से मतलब अहि नाखून. अब दोनों हाथों के नाखूनों को साफ करें.

K: के से मतलब है कलाई. नाखून के बाद कलाई को मलें.

अंग्रेज़ो के 6 शब्दों से आप अपने बच्चों को आसनी से हाथ धोना सीखा सकती है. जिसे वह कभी नहीं भूलेंगे.

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