30 साल की शैली एक ऐडवरटाइजिंग कंपनी में काम करती है. उसे हर समय कुछ न कुछ खाते रहने की आदत थी. सुबह उठते ही उस का खाना शुरू हो जाता था. रात 12 बजे तक वह चाउमिन वगैरह बना कर खाती रहती. वह अपने बढ़े हुए वजन और झड़ते बालों की वजह से बहुत परेशान रहती थी. चेहरे पर हमेशा टैंशन की लकीरें खिंची रहती थीं. इन सब का असर उस के काम पर भी पड़ता था. फिर उस ने एक मैगजीन में बायोहैकिंग के बारे में पढ़ा और उस के जीवन की दिशा ही बदल गई.

शैली एक न्यूट्रिशनिस्ट से मिली जिस ने उसे इंटरमिटैंट फास्टिंग डाइट सजेस्ट किया. उसे रात 7 बजे से सुबह 11 बजे तक कुछ भी नहीं खाने का निर्देश दिया. उस के बाद 8 घंटे वह कुछ भी खा सकती थी.

शैली ने अपनी दिनचर्या में बदलाव शुरू किया. उस ने इस बात का खयाल रखा कि उस के शरीर को सही कैलोरी और हर तरह के पौष्टिक तत्त्व मिल जाएं. ऐक्सरसाइज और मैडिटेशन को दिनचर्या का नियमित हिस्सा बना लिया. गैजेट्स, टीवी और मोबाइल वगैरह को बैडरूम से दूर रखने लगी.

नतीजा यह हुआ कि वह काफी ऐनर्जेटिक रहने लगी. उस का वजन भी काफी घट गया और बाल गिरने की समस्या खत्म हो गई. अब उस के चेहरे पर तनाव नहीं बल्कि मुसकान खिली रहती थी और जिंदगी के हर मोरचे पर सफल होने लगी. इस तरह बायोहैकिंग के जरीए उसे अपनी परेशानी का हल मिल गया.

बायोहैकिंग क्या है?

अपने शरीर के सिस्टम को समझ कर अच्छी सेहत और बेहतर जिंदगी पाने का आसान तरीका ही बायोहैकिंग कहलाता है. इस प्रक्रिया में अपनी शारीरिक और मानसिक कार्यप्रणाली को डिकोड कर जीवनशैली में बदलाव ला कर अपने स्वास्थ्य में मनचाहा परिवर्तन लाया जा सकता है. आज तकनीक के प्रयोग ने बायोहैकिंग को बहुत आसानी से संभव बना दिया है. ऐसे अनेक डिवाइस हैं जो बायोहैकिंग के काम को आसान बना रहे हैं. बायोहैकिंग के द्वारा हम अपने लाइफस्टाइल और सेहत की खामियों को समझ कर उन्हें ठीक करते हैं और अपने जीवन जीने के अंदाज और क्वालिटी को बेहतर बनाते हैं. इस तरह सेहतमंद और लंबी आयु की तरफ कदम बढ़ाते हैं.

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