आजकल हर न्यूजपेपर, टीवी चैनल, इंटरनैट, मैगजीन आदि में वजन कम करने की तमाम तरह की दवाओं के विज्ञापन छपते हैं. उन के साथ ही इन्हें इस्तेमाल करने वालों के अनुभव भी बताए जाते हैं और दवा लेने के पहले के और बाद के फोटो भी दिखाए जाते हैं. मनी बैक जैसे औफर भी दिए जाते हैं. इन विज्ञापनों को देख कर लोग जल्द से जल्द वजन घटाने के लिए इन दवाओं का सेवन शुरू कर देते हैं. परंतु ये दवाएं उन के शरीर को फायदा कम नुकसान ज्यादा पहुंचाती हैं. आइए, जानते हैं कैसे:

स्थायी समाधान नहीं

क्लीनिकल डाइटीशियन के अनुसार, वजन कम करने वाली कुछ दवाओं से शरीर का ‘बेसल मैटाबौलिक रेट’ बढ़ा कर वजन कम हो जाता है. लेकिन यह स्थायी समाधान नहीं होता, क्योंकि जैसे ही दवा का सेवन बंद करते हैं वजन फिर से बढ़ जाता है.

दरअसल, खाना खाने से हमारे शरीर को ऐनर्जी मिलती है. ऐसे में अगर कोई दवा हमारे खाने को शरीर में जज्ब होने से रोकती है, तो वह हमारे शरीर के लिए नुकसानदायक है. वजन कम करने वाली सभी दवाएं यही काम करती हैं. कई बार तो इन का असर उलटा भी हो जाता है. इसलिए वजन घटाने के लिए इन दवाओं का सेवन कभी नहीं करना चाहिए.

सुरक्षित नहीं

वजन कम करने की चाहत में लोग इन दवाओं का सेवन करते हैं, लेकिन सिर्फ गोलियां खा कर वजन कम नहीं हो सकता है. ये एक सीमा तक ही काम करती हैं. इन के साइड इफैक्ट्सके कारण वीकनैस, गुस्सा आना, लो ब्लडप्रैशर, केशों का झड़ना, ज्यादा भूख लगना, डिप्रैशन जैसी समस्याएं पैदा होने लगती हैं.

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