खट्टे-मीठे इस फल को बौक्स मर्टल और बेबेरी भी कहा जाता है. यह एक लोकप्रिय पहाड़ी फल है, जो गर्मियों के मौसम में अप्रैल से जून के बीच होता है. काफल देखने में मालबैरी की तरह लगता है, लेकिन ये मालबैरी से बहुत अलग है. काफल एंटी- औक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता हैं जिस वजह से यह शरीर के लिए फायदेमंद है. इसके अलावा इसमें कई नेचुरल तत्व पाए जाते हैं.
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इन बीमारियों को रखें दूर
काफल कई बीमारियों में इस्तेमाल किया जाता है, ये एनिमिया, अस्थमा, दस्त, जुखाम-बुखार और यकृत (Hepatic) संबंधी कई बीमारियों में फायदेमंद माना जाता है. काफल का फल ही नहीं बल्कि इसके पेड़ की छाल और पत्तियां भी औषधीय गुणों की खान हैं. इसके पेड़ की छाल में एंटी इन्फ्लैमेटरी, ऐटी-हेल्मिंथिक, एंटी-औक्सीडेंट और एंटी-माइक्रोबियल गुण पाये जाते हैं. इन गुणों के कारण यह कैंसर जैसी अनेक बीमारियों से आपको बचाता है.
टेंशन और सिरदर्द में लाभकारी
काफल आपके मानसिक तनाव को कम करने में मदद करता है, इसके सेवन से डिप्रेशन की प्रौब्लम को दूर होती है. इस भागदौड़ भरी लाइफ में टेंशन और सिरदर्द की प्रौब्लम को दूर करने के लिए आप काफल के छाल का चूरण खा कर सकते हैं. इसके अलावा काफल के चूरण को सूंघने से सिरदर्द कम होता है.
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आंख से जुड़ी बीमारियों के लिए हैं फायदेमंद
काफल आंख से जुड़ी बीमारियों जैसे- आंखों के दर्द, नाइट ब्लाइंडनेस , आंख लाल होना, इन सभी बीमारियों के लिए बेहद फायदेमंद हैं. इसके अलावा सर्दी-जुकाम से होने वाले कान दर्द के इलाज में भी काफल का इस्तेमाल किया जाता है