ऐसिडिटी भारत के लोगों की एक आम समस्या है. इस का एक लक्षण छाती में जलन है. पेट में बनने वाले ऐसिड के वापस आहार नली में आने की वजह से छाती के निचले हिस्से में जलन होती है.
हम जो भी खाते हैं वह इसोफेगस से गुजर कर पेट में पहुंचता है. पेट के गैस्ट्रिक ग्लैंड ऐसिड पैदा करते हैं जो खाना पचाने के लिए जरूरी है और यह हानिकारक कीटाणुओं को भी मार देता है. लेकिन गैस्ट्रिक ग्लैंड के जरूरत से ज्यादा ऐसिड पैदा करने से आप को ऐसिडिटी की समस्या हो जाती है. इस का लक्षण पेट के ठीक ऊपर जलन महसूस होना है. यह ब्रैस्टबोन के ठीके नीचे भी हो सकता है.
ऐसिडिटी के कारण
- खानपान की गलत आदतें.
- कुछ चीजें बहुत ज्यादा खाना.
- दवाओं के साइडइफैक्ट्स.
- पहले से कोई बीमारी होना.
- ज्यादा तनाव, नींद की कमी आदि.
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ऐसिडिटी के लक्षण
छाती में जलन: जलन से दर्द या बेचैनी जो पेट से छाती और यहां तक कि गले में भी पहुंच सकती है.
रीगर्गिटेशन: खट्टा या कड़वा स्वाद गले के अंदर या मुंह में महसूस हो सकता है.
अन्य लक्षण
- पेट फूलना.
- मल में खून आना या मल काला होना या उलटी में खून आना.
- डकार जो रुकने का नाम न ले.
- मिचली.
- बेवजह वजन कम होना.
- घरघराहट, सूखी खांसी गले में हमेशा खराश रहना.
गैस की समस्या
पाचनतंत्र में गैस बनना सामान्य प्रक्रिया है. किंतु पाचनतंत्र में गैस फंस जाने या आसानी से आगे नहीं जाने से दर्द होता है.
पाचनतंत्र में गैस जमा होने का अनुभव बहुत से लोगों को होता है. पेट में अत्यधिक गैस जमा होने और उस के नहीं निकलने से पेट फूल जाता है. गैस का इस तरह अटकना बहुत तकलीफ देता है. पेट फूलना, डकार करना और गैस छोड़ना सहज शारीरिक प्रक्रिया है और आमतौर पर इस का कारण हवा का निगलना या खाने के टूटने की प्रक्रिया में गैस बनना है.
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