आज की व्यस्त जिंदगी में खुद को फिट रखना बेहद जरूरी है. लेकिन क्या सचमुच हम फिट रहने के लिए कोई उपाय करते हैं? शायद नहीं. भारत में महिलाओं की सेहत की बात की जाए तो आंकड़े बताते हैं कि बेहद कम महिलाएं सचमुच हैल्थ या फिटनैस जैसे मुद्दों को ले कर संजीदा हैं. अगर भारत में महिलाओं के मोटापे के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो इस वक्त लगभग 16% महिलाएं मोटापे से पीडि़त हैं.

भारतीय परिवेश में महिलाएं, चाहे गृहिणी हों या कामकाजी खाने पर बहुत कम ध्यान देती हैं. इस का मतलब यह बिलकुल नहीं है कि वे खाने की अनदेखी करती हैं, बल्कि वे खाने के गुणों को अनदेखा करती हैं. दिन भर में जो मिला, जैसा मिला वे खा लेती हैं. इस से होता यह है कि मोटापा और शरीर से जुड़ी दूसरी समस्याएं उन्हें घेरे रहती हैं.

भारत में लगभग 50% महिलाएं जरूरी पोषक तत्त्वों की कमी से दोचार हो रही हैं, जिस की एकमात्र वजह है रोजाना के खाने में संतुलित आहार का न होना.

फिर होता यह है कि मोटापे और दूसरी बीमारियों से निबटने के लिए महिलाएं डाइटिंग करने लगती हैं. आज फिटनैस सैंटर या हैल्थ क्लब खूब चांदी काट रहे हैं. लेकिन यहां एक सवाल, जो सब से अहम है कि क्या डाइटिंग या कम खाना फिटनैस के लिए काफी है? असल मुद्दा यह नहीं है कि आप कितना खा रहे हैं, बल्कि यह है कि आप क्या खा रहे हैं.

आज हर जगह शाकाहार या ग्रीनडाइट पर जोर दिया जा रहा है. देशीविदेशी सैलिब्रिटीज भी अब मांसाहार छोड़ कर शाकाहार अपनाने लगे हैं. डाक्टर भी मानते हैं कि हरी सब्जियों को अलगअलग रूपों में इस्तेमाल में लाया जाता है. इस में सलाद से ले कर फूड आइटम्स तक में कई तरह से इन्हें खाया जाता है. वहीं भारत में खाने में अनाज का ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है.

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