30 साल की सरला पिछले कुछ समय से सिर और माथे पर दाने होने से परेशान थी. डाक्टर को दिखाया तो पता चला कि वह मांग भरने के लिए जो सिंदूर लगाती है, वह घटिया किस्म का है.

यह सुन कर सरला हैरान रह गई और तुरंत इस बीमारी से छुटकारा पाने के लिए अपना इलाज शुरू करा दिया.

लेकिन राधा ने ऐसा नहीं किया. या यों कह सकते हैं कि उस की सास ने उसे रीतिरिवाजों के चलते ऐसा नहीं करने दिया.

दरअसल, राधा की शादी को अभी कुछ ही महीने हुए थे और रोज सुबह नहाने के बाद मांग भरने से उस के सिर में दर्द रहने लगा था.

पहले तो वह समझी नहीं थी लेकिन जब दर्द बरदाश्त से बाहर होने लगा तो वह अपने पति रंजन के साथ डाक्टर के पास गई थी.

डाक्टर ने जांच में पाया कि राधा के सिरदर्द की वजह उस का घटिया किस्म का सिंदूर लगाना है, जो वह थोक के भाव में अपनी मांग में भरती है.

डाक्टर ने राधा को जरूरी दवाएं देते हुए कहा कि तुम कुछ दिन बस नाम के लिए मांग भरना या मत भरना.

पतिपत्नी तो डाक्टर की यह सलाह समझ गए लेकिन जब राधा की सास को यह बात पता चली तो वह बिदक गई और बोली कि फैशन की मारी राधा ने चार जमात क्या पढ़ ली, डाक्टर के साथ मिल कर हमें गुमराह कर रही है, ताकि आगे मांग भरने से बच सके. ऐसा कभी हुआ है कि हमारे घर में किसी सुहागिन ने अपनी मांग सूनी रखी हो?

हिंदू धर्म में हर शादीशुदा औरत से यह उम्मीद की जाती है कि वह अपनी मांग लाल रंग के सिंदूर से भर कर रखे. अगर वह ऐसा नहीं करती है तो उस के पति पर मुसीबत आ सकती है या वह मर भी सकता है. पर क्या मिलावट करने वालों को भगवान का भी डर नहीं होता?

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