गर्मी का मौसम आ गया है, इस बदलते मौसम में की गई जरा सी लापरवाही आप पर भारी पड़ सकती है. इस समय साइनोसाइटिस की की ज्यादा समस्या देखने को मिल रही है. ऐसे में इससे बचना बेहद जरूरी है.
आइये जानते हैं यह समस्या कब और कैसे होती है-
हमारी नाक के आस-पास मौजूद साइनस में वायरल इन्फेक्शन, प्रदूषण, इम्यूनिटी की कमी की वजह से, ठंडे पानी या कूलर के ज्यादा इस्तेमाल आदि से साइनोसाइटिस की समस्या सामने आती है. ऐसे में नाक में ज्यादा म्यूकस (नाक का पानी) बनने लगता है, जिससे बार-बार नाक आना, सिरदर्द, बुखार, नाक बंद होना, सर्दी-खांसी, बदन दर्द, आंखों से आंसू आना, दांतों में दर्द या छींक आना जैसी समस्या होने लगती है. साइनस दरअसल नाक के अंदर खतरनाक धूलकणों को पहुंचने से रोकने के काम आता है.
ऐसे रोके साइनोसाइटिस होने से
हमेशा हाइड्रेटेड रहें
दिन में ज्यादा से ज्यादा पानी पीने की कोशिश करें. इससे शरीर हाइड्रेटेड तो रहता ही है साथ ही म्यूकस भी पतला होता है, जिससे नाक की ब्लॉकेज खत्म होती है और साइनोसाइटिस को रोकने में मदद मिलती है.
नाक को हमेशा रखें साफ
साइनोसाइटिस से बचने के लिए नाक को साफ रखना बेहद जरूरी है. इसके लिए सवेरे-सवेरे अपनी नाक में थोड़ा पानी डालकर सफाई करें. यह काम आप सोने से ठीक पहले भी कर सकते हैं.
नाक के प्रति बरतें नरमी
साइनोसाइटिस या नाक की किसी भी समस्या से परेशान होकर नाक के साथ ज्यादती करने से बचें. इसे जोर से मसलना हानिकारक हो सकता है.
भाप लें
नाक को साफ रखने का सबसे बेहतरीन तरीका होता है भाप लेना. भाप लेने से साइनस में ज्यादा मात्रा में बनने वाला म्यूकस पिघलता है और नाक साफ रहती है. भाप लेने के लिए एक लीटर पानी को उबालकर उसमें थोड़ा सा कपूर मिलाएं. अब इससे तकरीबन 10-15 मिनट तक भाप लें. आराम मिलने तक इसे दुहराते रहें.
रूखे वातावरण से रहें दूर
अगर आपके पास वायु को नम रखने वाला ह्यूमिडिफायर है तो इसका इस्तेमाल कम कर दें. यह आपके नसल पासेज को रूखा बना देता है. इससे साइनस में सूजन को रोकने में मदद मिलती है. शुष्क वातावरण में देर तक बैठने से भी परहेज करें.
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