वैसे तो खुद को फिट रखने के लिए हमारे पास ऐक्सरसाइज, डांस क्लासेज जैसे कई विकल्प मौजूद हैं, लेकिन जिम जाना एक बेहतरीन विकल्प है. जिम जाने से न सिर्फ फैट कम होता है, बल्कि हम कई बीमारियों से भी दूर रहते हैं.

द अट्रैक्टिव बौडी

स्लिमट्रिम बौडी सब को आकर्षित करती है. जिम जाने से ऐब्स डैवलप होते हैं. हाथों और पैरों की मसल्स स्ट्रौंग होती हैं. महिलाओं की कमर पतली होने लगती है. बौडी में कर्व्स दिखते हैं. प्यार के उन खास पलों में आकर्षक बौडी पार्टनर को और करीब ले आती है.

स्ट्रैस बस्टर

आमतौर पर स्ट्रैस के कारण कपल्स अंतरंग पलों को पूरी तरह ऐंजौय नहीं कर पाते. तनावग्रस्त होने पर उन की सैक्स की इच्छा नहीं होती. ट्रस्ट से स्टैमिना भी घटता है. जिम में नियमित ऐक्सरसाइज स्ट्रैस बस्टर का काम करती है. ऐक्सरसाइज करने के बाद आप रिलैक्स महसूस करते हैं.

बैलेंस डाइट की आदत

जिम में ऐक्सरसाइज के साथ ही ट्रेनर डाइट चार्ट भी देते हैं. वे ऐक्सरसाइज टाइप और शरीर की जरूरतों के अनुसार डाइट चार्ट बनाते हैं. वर्कआउट के बाद शरीर को पोषक तत्वों की जरूरत पड़ती है. मसल्स और बौडीबिल्डिंग के लिए हाई प्रोटीन और जिंक युक्त डाइट लेनी चाहिए. हैल्दी सैक्स लाइफ के लिए बैलेंस डाइट बहुत ही जरूरी है.

बढ़ाएं टेस्टोस्टेरौन हारमोन का लैवल

अंतरंग पलों में टेस्टोस्टेरौन हारमोन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह हारमोन सैक्स की इच्छा और क्रियाशीलता के लिए उत्तरदाई है. रिसर्च बताती है कि नियमित ऐक्सरसाइज खासकर जिम में किए जाने वाले स्क्वैट्स से टेस्टोस्टेरौन हारमोन का लैवल बढ़ता है.

जगाए आत्मविश्वास

मोटापा सैक्स के लिए हानिकारक है. इस से जल्दी थकान महसूस होने लगती है. मोटापे का शिकार व्यक्ति पार्टनर को संतुष्ट नहीं कर पाता. इस से उस का आत्मविश्वास टूट जाता है और वह सैक्स से दूर भागने लगता है. जिम में ऐक्सरसाइज करने से मोटापा कम होता है, जिस से आत्मविश्वास बढ़ता है.

ऐनर्जी लैवल करे बूस्ट

नियमित ऐक्सरसाइज से शरीर का ऐनर्जी लैवल बूस्ट होता है. जिम जाने से काफी देर तक काम करने पर भी थकान महसूस नहीं होती है. आलस कोसों दूर रहता है. इसलिए शरीर के ऐनर्जी लैवल को बनाए रखने के लिए जिम जरूर जाएं.

बनाए और्गैज्म को बेहतर

रिसर्च से यह बात सामने आई है कि जो महिलाएं नियमित ऐक्सरसाइज करती हैं वे जल्दी उत्तेजित हो जाती हैं और और्गैज्म को ऐंजौय करती हैं. दरअसल, ऐक्सरसाइज से उन में सैक्स हारमोंस का लैवल बढ़ जाता है, जिस से वे बेहतर सैक्स पार्टनर साबित होती हैं.

ब्रीदिंग कंट्रोल

ऐक्सरसाइज ब्रीदिंग पर कंट्रोल करना सिखाती है. सही ब्रीदिंग टैक्नीक से सैक्स का ड्युरेशन और प्लैजर दोनों बढ़ जाते हैं.

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