आजकल के मां बाप अपने बच्चे की सेहत को लेकर इतने ज्यादा सचेत रहते हैं कि कई बार उन्हें अच्छी चीजों से भी दूर कर देते हैं. आमतौर पर मां बाप छोटे बच्चों का नंगे पांव घूमना गलत मानते हैं. हाल ही में हुई एक स्टडी में ये बात सामने आई कि नंगे पांव रहने वाले बच्चों में कूदने और संतुलन बनाने की क्षमता उन बच्चों के मुकाबले बेहतर होती है जो ज्यादा समय तक जूते पहने रहते हैं. हालांकि ज्यादा समय तक जूते पहनने वाले मुख्य रूप से 6 से 10 साल तक के बच्चों ने परीक्षण के दौरान अच्छे परिणाम दिए हैं.

शोधकर्ताओं ने बताया कि बच्चों ने कूदने और संतुलन बनाने में बेहतर प्रदर्शन किया है, जो यह दर्शाता है कि बचपन किशोरावस्था में बुनियादी संतुलन का विकास लंबे समय तक नंगे पैर रहने से बेहतर होता है.

जानकारों की माने तो नंगे पैर रहने से ज्यादा प्रकृति के करीब रहने का एहसास होता है और पैरों में कुछ पहनकर चलने से पैरों के स्वास्थ्य और संचालन की प्रगति प्रभावित होती है.

आपको बता दें कि इस स्टडी में संतुलन, लंबी कूद और 20 मीटर दौड़ की गतिविधियों के लिए ग्रामीण दक्षिण अफ्रीका तथा उत्तरी जर्मनी के शहरी क्षेत्रों के 6-18 आयु वर्ग के 810 लोगों को शामिल किया गया है. नतीजों में सामने आया है कि नंगे पैर चलने वाले लोगों ने संतुलन और ऊंची कूद में जूते पहनकर चलने वाले लोगों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है.

आइए जाने कि नंगे पैर चलने के और कौन से फायदे हो सकते हैं

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