बच्चों को पता नहीं होता कि उनकी सेहत के लिए क्या खाना सही है और क्या गलत. बच्चें अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण भी नहीं रख पाते हैं. उन्हें चौकलेट, चिप्स, फास्टफूड जैसी चीजे ही पसन्द आती है, में उनकी सेहत का मामला काफी संवेदनशील हो जाता है. बच्चों की इन आदतों को अच्छी आदतों में बदलने के लिए उनके पैरंट्स पर बड़ी जिम्मेदारी होती है.
अच्छे स्वास्थ्य के लिए कठिन मेहनत करनी होती है. अच्छी आदतों को जीवन में उतारने के साथ ही साथ खान-पान पर नियंत्रण भी रखना जरूरी है, अच्छी सेहत रातोरात नहीं मिलती इसलिए क्या खाना है और क्या नहीं इन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए.
बड़ों के लिए अपने बिजी शेड्यूल में हर दिन नाश्ता कर पाना हमेशा संभव नहीं हो पाता. लेकिन बच्चों के विकास के लिए एक भी दिन नाश्ता छोड़ देना उनकी सेहत के लिए काफी नुकसानदेह हो सकता है.
एक शोध में यह बताया गया है कि जो बच्चे नाश्ता छोड़ने के आदती होते हैं उनमें कुपोषित होने का खतरा ज्यादा हो जाता है. बच्चों में विकास के लिए महत्वपूर्ण पोषक तत्वों जैसे कैल्शियम, आयरन और आयोडीन की पर्याप्त मात्रा की जरूरत होती है.
बच्चों को स्नैक्स खाने का बड़ा शौक होता है. खेलते हुए अपनी भूख मिटाने के लिए वो इसका इस्तेमाल ज्यादा करते हैं. ऐेसे में पैरेंट्स को चाहिए कि बच्चों के लिए हेल्दी स्नैक्स का विकल्प ढूंढें. बच्चों को आइसक्रीम, कैंडीज और बबल गम्स भी काफी पसंद होते हैं. इनमें मौजूद शूगर आगे चलकर उनमें डायबिटीज जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ा सकता है.