95 फीसदी से ज्यादा बीमारियां पोषक तत्त्वों की कमी और शारीरिक श्रम में कमी होने के चलते होती हैं. आइए, भोजन से जुड़े कुछ मिथकों की सचाई के बारे में जानते हैं.
1. मिथक: चीनी की जगह शहद से अपने खाने को मनचाहे तरीके से मीठा कर सकत हैं.
सचाई: रासायनिक लिहाज से शहद और चीनी बिलकुल बराबर हैं. यहां तक कि नियमित चीनी के सेवन के मुकाबले शहद में ज्यादा कैलोरी हो सकती है. इसलिए बिलकुल चीनी की ही तरह शहद का भी कम मात्रा में ही इस्तेमाल करें.
2. मिथक: किसी वक्त का भोजन न करने पर अगले भोजन में उस की कमी पूरी हो जाती है.
सचाई: किसी भी समय का भोजन मिस करना ठीक नहीं माना जाता है और इस की कमी अगले वक्त का भोजन करने से पूरी नहीं होती. 1 दिन में 3 बार संतुलित भोजन लेना जरूरी होता है.
3. मिथक: यदि खाने के पैकेट पर ‘सब प्राकृतिक’ लिखा हो तो वह खाने में सेहतमंद होता है.
सचाई: अगर किसी चीज पर ‘सब प्राकृतिक’ का लेबल चस्पा हो तो भी उस में चीनी, असीमित वसा या फिर दूसरी चीजें शामिल होती हैं, जो सेहत के लिए खतरनाक हो सकती हैं. ‘सब प्राकृतिक’ लेबल वाले कुछ स्नैक्स में उतनी ही वसा शामिल होती है जितनी कैंडी बार में. पैकेट के पिछले हिस्से पर लिखी हिदायतों को पढ़ना जरूरी होता है जो आप से सब कुछ बयां कर देती है.
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4. मिथक: जब तक हम प्रत्येक दिन विटामिन का सेवन कर रहे हों, हम क्या खा रहे हैं उस के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है.