रात को सांस लेने में तकलीफ के चलते बारबार आंख खुलने की समस्या से अगर आप परेशान हैं तो इस की वजह स्लीप एपनिया हो सकती है. इस बीमारी में रात को सोते समय ऊपरी एयरवेज ब्लौक होने से सांस लेने में परेशानी होने लगती है. इस बीमारी में सांस 10 से 20 सैकंड के बीच रुकती है. लेकिन समस्या यह है कि ऐसा रात में कई बार होता है और इस वजह से रोगी रातभर सो नहीं पाता.

रात को नींद न पूरी होने के कारण उसे दिनभर नींद की झपकियां आती रहती हैं और चिड़चिड़ाहट रहती है. इस बीमारी की वजह से दुर्घटना होने का खतरा भी बढ़ जाता है.

आंकड़ों के अनुसार, औब्सट्रैक्टिव स्लीप एपनिया यानी ओएसए से 5 में से 1 वयस्क पुरुष प्रभावित है. सांस से जुड़ी बीमारियों में अस्थमा के बाद यह दूसरी ऐसी बीमारी है जिस की सब से ज्यादा पहचान हुई है. जिन लोगों को यह बीमारी होती है उन की गरदन की मांसपेशियां सोते समय शिथिल हो जाती हैं जिस से एयरवेज सिकुड़ जाते हैं और सांस लेने में तकलीफ होने लगती है.

ओएसए से उपजी बीमारियां

ओएसए से रोगी को डायबिटीज, हाई ब्लडप्रैशर, दिल की बीमारियां, स्ट्रोक और वजन बढ़ने जैसी समस्याएं हो सकती हैं. ओएसए और ब्रोनकिल अस्थमा एकदूसरे से जुड़े हुए हैं.

हालिया कुछ अंतर्राष्ट्रीय अध्ययनों से पता चला है कि अस्थमा के रोगियों में ओएसए होने का खतरा ज्यादा रहता है. कई अस्थमा रोगियों को पता ही नहीं चलता कि वे ओएसए से पीडि़त हैं और इस वजह से वे ओएसए का इलाज नहीं कराते. इस कारण उन्हें बारबार अस्थमा का अटैक पड़ता है और लगातार दवाइयों की जरूरत रहती है. इसलिए, स्लीप एपनिया के बारे में जानना और इस का एडवांस तकनीकों से इलाज करा कर जिंदगी को बेहतर बनाना जरूरी है.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD100USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...