घर में नए मेहमान के आते ही मांबाप की पूरी जीवनशैली बदल जाती है. ज्यादातर मातापिता स्वस्थ खानपान अपनाते हैं. उन के द्वारा सभी प्रयास अपने शिशु को स्वस्थ भविष्य देने की हसरत के साथ किए जाते हैं. इन सब प्रयासों के अलावा शिशु और पूरे परिवार के स्वस्थ भविष्य के लिए मातापिता को एक और जरूरी कदम भी उठाना चाहिए.
यह जरूरी कदम शिशु के जन्म पर स्टेम कोशिकाओं को सुरक्षित रखने का है. भारत में करीब 15 स्टेम कोशिका बैंक हैं. अगर आप के मन में सवाल हो कि यह क्यों जरूरी है, तो यहां इस के प्रमुख कारण बताए जा रहे हैं कि शिशु की गर्भनाल सुरक्षित रख कर कैसे आप खुद को व शिशु को सर्वोत्तम उपहार दे सकती हैं.
गर्भनाल स्टेम कोशिकाओं से समृद्ध होती है : शरीर के विभिन्न अंगों में स्टेम कोशिकाएं पाई जाती हैं, लेकिन गर्भनाल विशुद्ध और युवा स्टेम कोशिकाओं का समृद्ध भंडार है. ये स्टेम कोशिकाएं एक तरह से मास्टर कोशिकाएं होती हैं, जो पूरे शरीर के लिए बिल्डिंग ब्लौक की तरह काम करती हैं. जन्म के समय अपने शिशु की गर्भनाल से एकत्र करने पर ये स्टेम कोशिकाएं 80 से अधिक चिकित्सा स्थितियों का इलाज करने में प्रयोग हो सकती हैं, क्योंकि इन में क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को बदलने व मरम्मत करने दोनों की क्षमता होती है. प्रकृति के इस अनूठे उपहार को सुरक्षित करने का मौका सिर्फ शिशु के जन्म के समय ही मिलता है.
गर्भनाल स्टेम कोशिकाओं को एकत्र करने में आसानी : स्टेम कोशिकाएं सुरक्षित करने के लिए गर्भनाल का रक्त सब से आसान तरीका है. शिशु के जन्म के ठीक बाद गर्भनाल को क्लैंप कर के गर्भनाल के रक्त और टिशू को फुरती से चंद सैंकड्स में एकत्र कर लिया जाता है. इस प्रक्रिया से शिशु या मां को कोई खतरा नहीं रहता है. एकत्र किए नमूने लैब में भेजे जाते हैं, जहां उन्हें भविष्य में प्रयोग के लिए संरक्षित किया जाता है. गर्भनाल की कोशिकाएं जरूरत के समय सुसंगत स्टेम कोशिका यूनिट पाने का सब से त्वरित तरीका भी है.